नवरात्रि - कुण्डलिया छंद - सुशील कुमार

माता दुर्गा का लगे, तीजा रूप महान।
अर्धचंद्र है भाल पर, चंद्रघंटा सुजान॥

चंद्रघंटा सुजान, भुजा दस सोहे माँ के।
मिट जाते सब पाप, करे दर्शन जो आके॥

कविवर कहे सुशील, शरण जो तेरी आता।
खाली झोली भरे, कृपा से तेरी माता॥

सुशील कुमार - फतेहपुर, बाराबंकी (उत्तर प्रदेश)

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