शुभे कूष्माण्डा जय हो - गीत - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'

करें सुमंगल जग जन गण मन कूष्माण्डा माँ,
कोरोना दावानल रिपु जग तारिणि जय हो।
छल प्रपंच लिप्सा मिथ्या बन्धन अभिशापी,
राग शोक परिताप व्यसन जग मुक्ता जय हो॥

जय काली कराल विकराल कालविनाशिनी,
जगद्धात्री देवी माँ अम्बे जननी जय हो।
कट-कट विकट दुर्दान्त असुर रण कृपाण ढाल,
कल्याण सृष्टि प्रकृति अम्ब कूष्माण्डा जय हो॥

जग दानवघातिनी त्रिविध संताप हारिणी,
चतुर्थ शक्ति स्वरूपा माँ कूष्माण्डा जय हो।
महिषासुरमर्दिनी सिंहवाहिनी मातंगी,
ब्रह्माण्ड आदिशक्ति रूप माँ ब्रह्माणी जय हो॥

जयतु सूर्यलोकवासिनी अरुणिमाहासिनी,
प्रथम सृष्टिविधायिनि शक्ति जगदम्बे जय हो।
भक्त सिद्धि सुयश आयु बल सुख वैभवदायिनी, 
मन्दहास मधुमास मुदित तमनाशिनि जय हो॥

चक्रपाणि गदा धनु-बाण कमंडल धारिणी,
अमृत पूर्ण कलश करकमल जपमाला जय हो।
शास्त्र सविधि पूजन मन्त्र व्रतकथा आरती,
भक्ति में भक्ति मुदित शुभे कूष्माण्डा जय हो॥


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