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सजा माँ दरबार निराला - गीत - रमाकांत सोनी
सब के दुख हरने वाली, सजा माँ दरबार निराला। रणचंडी खप्पर वाली, दुर्गा महाकाली ज्वाला। सिंह सवार मात भवानी, तेरी लीला अपरंपार। तू है …
नवरात्र का त्यौहार - कविता - रतन कुमार अगरवाला
आया नवरात्र का त्यौहार, बज रहे ढ़ोल नगाड़े, लूँ माँ का आशीष, माँ आयी है मेरे द्वारे। झूम रही सारी धरती, हर्षित हुआ यह चमन, नवरात्र का पर…
प्यारी मइया - लोकगीत - सुषमा दीक्षित शुक्ला
मइया री मइया ओ मोरी मइया। हम तोहरे बालक हैं तू प्यारी मइया। मइया री... 2 चन्दा के जैसो मुखड़ो है तेरो, नयनन मा ममता है दाया है। तोहरी …
देवी मइया - लोकगीत - सुषमा दीक्षित शुक्ला
मइया ऊँची है तोहरी अटरिया। कइसे आवउँ मै तोहरी नगरिया। 2 लहँगा मइ लाई चुनरिया हूँ लाई, बेलवा चमेलिया की माला बनाई, मइया ठाढ़ी हूँ तोहरी …
आया है नवरात्रि का त्यौहार - कविता - सोनल ओमर
आया है नवरात्रि का त्यौहार। नवरात्रि में माँ का सजेगा दरबार। गली-गली गूँजेंगे भजन कीर्तन, माँ अंबे की होगी जय जय कार।। आयी है होकर शेर…
हे अष्ट भुजाओं वाली - कविता - गणपत लाल उदय
हे अष्ट भुजाओं वाली माँ अम्बे रानी, माता आदिशक्ति कृपा करो भवानी। इस सारे संसार को आप ही चलाती तुम्हारे अनेंक है रूप अनेंक कहानी।। जब…
नवरात्रि और कन्या - आलेख - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
नवरात्र शक्ति भक्ति प्रीति, नीति रीति न्याय, समरस संस्कृति की पावन और सशक्त भावनाओं का संगम चित्र बन कर य नवीय समाज के समक्ष उपस्थापित…
महाशक्ति की आराधना - कविता - शिव शिल्पी
हे माँ शक्तिशाली तुम हो बलशाली, हे शक्ति स्वरूपा ओ माँ शेरावाली। माँ हम भक्त बनकर तेरे द्वार आए, मन में आशा है माँ देगी खुशहाली।। नवरा…
वैसाखी नवरात्र दे - दोहा छंद - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
आज चैत्र नवरात्र शुभ, विक्रम संवत हर्ष। वैसाखी पावन दिवस, हिन्दू नूतन वर्ष।। नवल फ़सल हरितिम धरा, मुदित आज परिवेश। दीन धनी सब हैं सुखी,…
नवरात्रि - कविता - महेन्द्र सिंह राज
नवरात्रि के नौ दिन, माँ दुर्गा की पूजा होती है। जो सच्चे मन से पूजा करता, माँ उनके पापों को धोती हैं।। अलग2 दिन अलग अलग, नामों से जान…
नौ दिन माँ की साधना के - लेख - दीक्षा अवस्थी
नवरात्र में नौ दिन माँ की साधना की जाती है। इन दिनों माँ की पूजा करने पर भक्तों को अभिन्न फल की प्राप्ति होती है। इन दिनों व्रत करने व…
माँ के शुभ नौ रूप - दोहा छंद - श्याम सुन्दर श्रीवास्तव "कोमल"
नव संवत्सर आ गया, लेकर नव उत्कर्ष। मंगलमय हो शुभ सदा, भारतीय नव वर्ष।। फसलें सुख समृद्धि का, गातीं मधुरिम गान। भरे अन्न भण्डार अब, प्र…
आ गई माता रानी - कविता - गुड़िया सिंह
आ गई है माता रानी, दुखड़े सभी के हरने को। हर विपदा का संघार कर, जग कल्याण करने को।। बरसा देती है करुणा सब पर, यह दयामयी "जगदम्बा&q…
स्वागत हो चैत्र नवरात्र का - दोहा छंद - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
चैत्र शुक्ल है प्रतिपदा, सनातनी नववर्ष। पूजन कर नवरात्र में, कीर्ति मिले सुख हर्ष।। अभिनन्दन स्वागत करें, मिलें हिन्दू समाज। परिधावी …
दुर्गा - गीत - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
आश्विन नवरात्रि में नवदुर्गे करुणामयी भवानी। सुरतेजस्विनी सती विखंडित संतापनाशिनी तू।। आरोग्यकारिणि शीतले शैलजे मधुकैटवघातिनि…
औपचारिकता - कविता - सुधीर श्रीवास्तव
नवरात्रों में माँ का दरबार सजेगा, माँ के नवरूपों की पूजा होगी, धूप दीप आरती होगी हर ओर नया उल्लास होगा। चारों ओर माँ के जयकारे गूँजेंग…
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