संदेश
सावन और माँ का आँगन - गीत - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
मुस्कान खिली ऋतु पावस मुख, आनंद मुदित मधु श्रावण है। फुलझड़ियाँ बरखा हर्षित मन, नीड भरा माँ का आँगन है। महके ख़ुशबू बरसात घड़ी, भारत …
ये मौन अधर की बातें - गीत - सिद्धार्थ गोरखपुरी
ये मौन अधर की बातें, केवल नैना कह पाते हैं। नैना सब कुछ सुन लेते हैं, मुख पर चैना रह जाते हैं। ख़्वाब सुहावन पावन होकर, अरज के साथ प्रव…
मस्ताने मौसम ने - गीत - सुषमा दीक्षित शुक्ला
मस्ताने मौसम ने पागल मुझे कर दिया, दीवाने मौसम ने घायल मुझे कर दिया। भीगा सावन बहकने लगा, गीला बदन क्यूँ दहकने लगा। दिल धक धक धक धड़कने…
देख सजनी देख ऊपर - गीत - गिरेन्द्र सिंह भदौरिया 'प्राण'
देख सजनी देख ऊपर। इंजनों सी दड़दड़ाती, बम सरीखी गड़गड़ाती। रेल जैसी धड़धड़ाती, फुलझड़ी सी तड़तड़ाती॥ पल्लवों को खड़खड़ाती, पंछियों को …
हे बुद्ध तथागत! - गीत - प्रशान्त 'अरहत'
हे बुद्ध तथागत! चरणों में मैं याचक बनकर आया हूँ, तुम मुझको प्रज्ञावान करो, मैं शरण तुम्हारी आया हूँ। मैं पंचशील भी अपनाऊँ, आर्यों को स…
जीवन पथ पर - गीत - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
खिली अरुणिमा सुप्रभात लोक, बढ़ चलो मनुज जीवन पथ पर। वर्तमान के पौरुष काग़ज़, लिख दे भविष्य नव स्वर्णाक्षर। चहुँ दिशा दशा सतरंग किरण,…
ये बगिया धोखा खा बैठी - गीत - सुधीर सिंह 'सुधीरा'
शाख़-शाख़ पे उल्लू बैठा, जड़ को दीमक खा बैठी। माली निकला बेपरवाह, ये बगिया धोखा खा बैठी। खिला हुआ गुलशन था देखो अब ये उल्लिस्तान बना, कोय…
जीवन संगीत है - गीत - जयप्रकाश 'जय बाबू'
जीवन संगीत है गुनगुनाना तुम, बीत रहा हर पल मुस्कुराना तुम। लेकर फूलों से ख़ुशबू अपना तन मन महकाना, लेकर पवन से ताज़गी हरदम खिल-खिल …
श्री काशी विश्वनाथ धाम - गीत - डॉ॰ रवि भूषण सिन्हा
शंकर के त्रिशूल पर बसी, हे काशी, हो तुम कितने पावन धाम। 2 भोले बाबा जहाॅं स्वयं स्थापित कर, बनाए ज्योतिर्लिंग श्री काशी विश्वनाथ धाम। …
तेरी आँखों में - गीत - गणेश दत्त जोशी
तेरी आँखों में सजा रखा है मैंने ख़्वाबों का संसार। अब तू चाहे बहा दें मुझे आँसुओ में, या लगा दे पार। तेरी आँखों में... मेरी हर बात तुझस…
मंज़िल करे पुकार - गीत - प्रशान्त 'अरहत'
मंज़िल करे पुकार ओ राही! प्रतिपल कदम बढ़ाए चल। चलना तेरा काम वक़्त से हरदम हाथ मिलाए चल। जो भी सुखद-दुखद घटनाएँ उनको अभी भुलाए चल। जो भी…
एक लज्जा भरी सुनहरी साँझ - गीत - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
शीतल सहज सुखद अस्ताचल रक्तिम, एक लज्जा भरी सुहानी शाम रे। श्रान्त क्लान्त दिनभर उद्यम अधिरथ, स्वागत प्राणी जग रत अविराम रे। अनुराग आश…
जवाँ मदहोश आँखों में - गीत - सुधीरा
जवाँ मदहोश आँखों में, छुपी है नीर की बदली, छुपी है नीर की बदली। ये अंदर से भरी हुई, ये दिखती है जो इक पगली, ये दिखती है जो इक पगली। जव…
नए-नए ये कॉलेज के दिन - गीत - सुषमा दीक्षित शुक्ला
नए-नए ये कॉलेज के दिन, कट न पाएँ यारो के बिन। नए-नए सब दोस्त मिले हैं, लगते मगर पुराने हैं। अपने-अपने से लगते हैं कोई नही बेगाने हैं।…
माँ का आँचल - गीत - महेश कुमार हरियाणवी
थाम के दुःख का दामन, जो दुनिया दिखलाती हैं। सच, माँ तो केवल माँ है, हर दुखड़े हर जाती हैं॥ जिस आँचल के दूध तले, इस जीवन की आस पले। ला, …
अगर साथ देते जो - गीत - प्रमोद कुमार
अगर साथ देते जो, तुम भी हमारे, तो रख देते क़दमों में, दुनिया तुम्हारे। सरल सुखदायी, सुन्दर सुशील हो, निर्मल हो पावन ज्यूँ, गंगा के धारे…
शौचालय - अवधी गीत - संजय राजभर 'समित'
नाही शौचालय त् नाही गवनवा, मोरे सजनवा हे! मोरे सजनवा बनवा दीं बेचके गहनवा। नारी के सिंगार हऊवे, नारी के हया। ऐकरा बचा लीं राजा, ब…
बाबा बैद्यनाथ धाम - गीत - डॉ॰ रवि भूषण सिन्हा
ज्योतिर्लिंगों में है, एक लिंग, है वो बाबा बैद्यनाथ धाम। बाबा बैद्यनाथ धाम 2 मनोकामना लिंगों में है, एक लिंग, है वो बाबा बैद्यनाथ धाम।…
अन्तर्मन पुलकित मातृत्व भाव - गीत - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
अन्तर्मन पुलकित मातृत्व भाव, पूर्ण नारीत्व सृजन तन होता है। अनुभूति सकल सुख शुभ जीवन, सुख सन्तान प्राप्ति मन छाता है। नारीत्व सफल …
उसकी मर्ज़ी के मुझे क्या बख़्शे - गीत - सिद्धार्थ गोरखपुरी
दुआ बख़्शे या बद-दुआ बख़्शे, उसकी मर्ज़ी के मुझे क्या बख़्शे। बख़्शने में वो मुझे न बख़्शेगा, अर्ज़ ये है के कुछ नया बख़्शे। ज़माना नया फ़साना त…