जीवन संगीत है - गीत - जयप्रकाश 'जय बाबू'

जीवन संगीत है गुनगुनाना तुम, 
बीत रहा हर पल मुस्कुराना तुम। 

लेकर फूलों से ख़ुशबू 
अपना तन मन महकाना, 
लेकर पवन से ताज़गी 
हरदम खिल-खिल जाना। 
परहित करने नदियों जैसा 
ख़ुद को तरल बनाना तुम,
जीवन संगीत है गुनगुनाना तुम।

ख़ामोश है लब सभी के 
उनको आवाज़ देना तुम, 
बिखरे तरानों से गुम है सदाए 
उनको अल्फ़ाज़ देना तुम। 
रूखा सा है जीवन सबका 
बन बदली बरसाना तुम, 
जीवन संगीत है गुनगुनाना तुम। 

मन में आशाओं के तुम
दीप जलाए रखना,
हर दीन दुःखी के लिए
प्रीत जगाए रखना।
हर दिन होगा अपना
यह विश्वास बनाना तुम,
जीवन संगीत है गुनगुनाना तुम।


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