संदेश
नैना - कविता - प्रद्युम्न अरोठिया
हर दिल में विश्वास का दीप जलाती है नैना! माटी की मूरत में भगवान खोजती है नैना!! सच के पथ पर चलने का उत्साह दिखाती है नैना! बंजर पड़ी ज़…
माँ - घनाक्षरी छंद - रमाकांत सोनी
ममता की मूरत माँ होती ख़ूबसूरत माँ, आँचल की छाँव तेरी हर बला टालती। करती ख़ूब प्यार माँ मधुरम दुलार माँ, ममता के मोती सारे मुझ पर वारती।…
मेरे पापा - कविता - रूचिका राय
परवाह जिनकी अतुलनीय है, वह सदा ही मेरे पूजनीय हैं। दृढ़ निश्चयी, कर्तव्यपरायण, पापा सदा ही नमनीय हैं। शांत चित्त और गंभीर व्यक्तित्व, उ…
हिना - ग़ज़ल - सरिता श्रीवास्तव "श्री"
अरकान: फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन तक़ती: 212 212 212 212 मेंहदी हाथ में झिलमिलाए सदा, संग ख़ुशियाँ सुता की सुनाए सदा। पत्तियाँ बाग़…
तोहरे बिन ना रहला जाईल - भोजपुरी गीत - सुषमा दीक्षित शुक्ला
चन्दा अउर चकोर मिलल बा, आज सुहानी रात मा। हमरा भी तौ मधुर मिलन बा फुलवन की बरसात मा। ओ हो हो हो ओ हो हो हो जग से छुपकर आ गईले रे, दिल…
ख़ता तो नहीं - ग़ज़ल - महेश "अनजाना"
अरकान : फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन तक़ती : 212 212 212 212 तुम से मिल न पाया, ख़ता तो नहीं। कर के वादा न आया, ख़ता तो नहीं।। गुज़र…
प्रतीक्षा - कविता - बृज उमराव
आस लगाए हम खड़े, हे साजन तुम कब आओगे? दिन गिन मेरी उँगली घिस गई, कब तक यूँ तड़पाओगे? तन तिनके के माफ़िक़ हो गया, आँखों में काले घेरे। च…
प्रेम-प्रस्ताव - कविता - प्रवीन "पथिक"
अच्छा! क्या कहा? तुम मुझसे प्रेम करती हो! सचमुच प्रेम करती हो? क्या दुनिया के समक्ष, अपने प्रेम को प्रदर्शित कर सकती हो? कदाचित् मै तु…
शब्द - दोहा छंद - महेन्द्र सिंह राज
शब्द नाम ही ब्रह्म है, शब्द नाम ओंकार। रचे शब्द में वेद हैं, शब्दों में ही सार।। शब्दों का संसार है, शब्दों से साहित्य। शब्दों की पू…
गर्मी की छुट्टियाँ - संस्मरण - मंजिरी "निधि"
आज विद्यालय में वार्षिक परिणाम लेने जाना था। हरे गुलाबी रंग के गत्ते पर परिणाम मिलते थे। वह परिणाम क्या है क्या नहीं कोइ मतलब नहीं हुआ…
फैलाना है भाईचारा - कविता - विशाल निरंकारी
मानव को हो मानव प्यारा, एक दूजे का बने सहारा। छोड़कर जाति, छुआ-छूत को, फैलाना है भाई चारा।। ऊँच-नीच की दीवारों को, आओ आज गिरा डालें। म…
मोरे मन मयूर स्वागत माधव - गीत - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
मोरे मन मयूर स्वागत माधव, प्रेम भक्ति दीवानी मीरा हूँ। तेरे प्रेम पाश फँस छोड़ा जग, जग लाज धरम सब छोड़ा है। सिर मोर मुकुट हे पीताम्बर, घ…
मेरी प्रिय - हास्य कविता - समय सिंह जौल
तुझको ना देखूँ तो मन घबराता है, तुझ से बातें करके दिल बहल जाता है। मेरा खाना पानी भूल जाना, तुझे भूखी देखकर तुरंत खाना देना, रात को भी…
आज का ज्ञानी - कविता - दीप कुमार पाण्डे
समय बहुत गंभीर है, बाँटो साहस प्रेम, नीके दिन भी आएँगे, समय चक्र का नेम। समय चक्र का नेम, समय कभी एक न रहता, दिन भोर घाना उजियारा, रा…
फूलों सा तुम खिलते रहना - कविता - समुन्द्र सिंह पंवार
नेकी के रास्ते पर चलते रहना, प्यार से आगे बढ़ते रहना। सफलता रुक नहीं सकती, मेहनत तुम करते रहना। राहों में हैं काँटे बहुत सारे, फूलों स…
सुख - कविता - रमेश चंद्र वाजपेयी
निर्धन को दौलत मिल जावे वह सुख का आनंद कुछ और है। सूनी गोदी अगर भर जावे तो माँ के सुख का अलग शोर है। जुदा प्रेमियों का मिलन आमोद ही आ…
मनोहर पहाड़ - कविता - कमला वेदी
हरियाली के आँचल में बसती चलती साँसें मेरी, सुखद, शीतल समीर में उड़ती जाती आशाएँ मेरी। मनोहर पर्वत पहाड़ों में बसता है मन प्राण मेरा,…
दिए आँधियों में जला कर दिखाओ - ग़ज़ल - आलोक रंजन इंदौरवी
अरकान : फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन तक़ती : 122 122 122 122 दिए आँधियों में जला कर दिखाओ। मेरा दर्द भी अब मिटा कर दिखाओ।। बहुत मुश्किलो…
प्रणय स्वप्न - कविता - सुरेंद्र प्रजापति
कमल-नयन का सुख-स्वप्न पुष्प छू लिया, अन्तर्मन, हर सुरों में गंध बसा है पुलकिल होंठ अपावन। जीवन का सौंदर्य दहक कर तन-मन का प्रणय, चहक क…
मेरी प्रियतमा - कविता - भगवत पटेल
जब से चला में तेरी ओर, प्यार का पाया ओर न छोर। आँखें हैं सुरमा सी काली, गालों में गुलाब की लाली। मस्तक में बिंदिया चमक रही, सर पर चु…
प्रेम की पहली ग़ज़ल - गीत - प्रीति त्रिपाठी
रुक गई है लेखनी और नेत्र मेरे हैं सजल, याद आई है मुझे प्रेम की पहली ग़ज़ल। हाँ, तुम्हारी धूप से आरक्त मेरा रूप था, मुग्ध हो तुमने कहा कि…
सामूहिक रूप से गवाही - कविता - डॉ. कुमार विनोद
प्रकृति के शाश्वत क्रम में, समुद्र में ज्वार-भाटे आते रहते हैं, यह क्रम, जैसे ही व्यतिक्रम होता है, प्रकृति के साथ होती है मनमानी। निश…
भावनाएँ बारिश की - कविता - सुधीर श्रीवास्तव
ये भी अजीब सी पहली है कि बारिश की भावनाओं को तो पढ़ लेना बहुत मुश्किल नहीं समझ में भी आ जाता है, पढ़कर समझ में भी आता है। परंतु भावनाओं …
निराशा - गीत - अभिनव मिश्र "अदम्य"
ज़िंदगी के आज ऐसे मोड़ पर आकर खड़े हैं, देख कर हालात उर उद्गार मेरे रो पड़े हैं। मन व्यथित है आज मेरा, तन थका लाचार है। दीप आशा का बुझा ह…
ख़ामोशी कुछ कहती है - कविता - अतुल पाठक "धैर्य"
ख़ामोशी कुछ कहती है, कभी तो इसको सुना करो। गवाह है दिल ये अंदर अपने, असंख्य जज़्बात रखती है। अनकही ज़ुबाँ इसकी, कभी तो तुम समझा करो। हवा …