अरकान : फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन
तक़ती : 122 122 122 122
दिए आँधियों में जला कर दिखाओ।
मेरा दर्द भी अब मिटा कर दिखाओ।।
बहुत मुश्किलों का सफ़र ज़िंदगी का,
ज़रा मुश्किलें भी हटा कर दिखाओ।
मुहब्बत में मैनें लिखे गीत जो भी,
उन्हें तुम ज़रा गुनगुना कर दिखाओ।
कई साज़ छेड़े हैं मैनें यहाँ पर,
मेरे साथ तुम आज़मा कर दिखाओ।
चलो प्यार का इक जहाँ हम बसाएँ,
बहारों का गुलशन सजा कर दिखाओ।
ज़मानें में कोई भी अपना कहाँ है,
नई राह ख़ुद ही बना कर दिखाओ।
मुहब्बत जहाँ में है प्यारी सी दौलत,
इसे दिल में अपनें बसा कर दिखाओ।
आलोक रंजन इंदौरवी - इन्दौर (मध्यप्रदेश)