संदेश
एक रोज़ आयेगी वो - कहानी - कपिलदेव आर्य
राजस्थान के एक छोटे से गाँव से निकलकर मैं; मुंबई आया था, मगर यहां की भागमभाग और भीड़ भड़क्के ने मुझे अंदर तक हिला दिया था। हर जगह भीड़…
भज रे मन श्रीकृष्ण को - दोहा - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
नारायण कारा जनम , लिया कंस संहार। असुर कर्म आतंक से , मुक्त किया संसार।।१।। नारायण अनुराग मन , पूत…
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व - आलेख - अतुल पाठक "धैर्य"
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व को भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है जो रक्षाबं…
कृष्ण के दोहे - दोहा - प्रशांत अवस्थी
माधव अंबर पीत है करते हैं श्रंगार शीश मुकुट है मोर का गल वैजंती हार वृंदावन के कुंज में नाचें नंदकुमार छन छन बजते हैं नूपुर मुरल…
महायोगी श्री कृष्ण - लेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला
भगवान श्री कृष्ण ने गीता के माध्यम से जो उपदेश दिया आज भी प्रासंगिक है। उनके उपदेश के अनुसार, बिना सोचे विचारे अपनी राय कहीं भी …
हमज़ुबा - ग़ज़ल - प्रदीप श्रीवास्तव
आजकल हमज़ुबा लोग मिलते नहीं । हम भी ज़ख़्मों पे मरहम रखते नहीं ।। झूँठी तारीफ़ हम उनकी कब तक करें , इसलिए आजकल कुछ भी लिखते नहीं।। …
सच्चे दोस्त की महत्ता - कविता - सुनीता रानी राठौर
प्रेम और त्याग से बंधी दोस्ती, विश्वास भरोसे पर टिकी दोस्ती। जो जीवन में घोले रस मिठास, प्यारा सा एहसास है दोस्ती। होठों पे मु…
चलो चॉकलेट का बाग़ लगाते हैं - बाल कविता - नूरफातिमा खातून "नूरी"
चलो चॉकलेट का बाग़ लगाते हैं, मैंगो, फ्रुटी का तालाब बनाते हैं। बिस्किट के पत्ते लालीपाप की कलियां हों सेव, नमकीन, लाइचीदाना क…
खुद से दूर हो चुका हूँ - कविता - शेखर कुमार रंजन
आजकल खुद के बारे में सोचता, क्यों? सोच कर ही डर लगता है मैं कैसा हो गया हूँ ऐसा लगता है, जैसे खुद से बहुत दूर हो गया हूँ। मैंने…
सत्संगति दुर्लभ जगत - दोहा - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
सत्संगति दुर्लभ जगत , है जीवन वरदान। रहें नीति सत्कर्म पथ, मिले प्रीति पहचान।।१।। रखें सदा विश्वास म…
बारिश - कविता - मधुस्मिता सेनापति
यह बारिश का मौसम यह बारिश का पानी आज याद आती है वह बचपन की कहानी वो यादें आज जो भले ही हो गया हूं पुरानी फिर भी बारिश की वह यादें…
तुम्हें हम मीर लिक्खेंगे - ग़ज़ल - डॉ. यासमीन मूमल "यास्मीं"
यक़ीनन ज़िन्दगी की जब कभी तफ़्सीर लिक्खेंगे। हुक़ूमत को हम अपने पाँव की ज़ंजीर लिक्खेंगे।। अगर हमसे कोई पूछे ज़मीं पर है कहीं जन्नत।…
एक नारी की कहानी - कविता - प्रिया पाण्डेय
कब तक डर -डर कर रहोगी, घुट -घुट कर जीती रहोगी, पति को ईश्वर मानती हो, वो गलत है तुम सब जानती हो, गाली, मार सब सह लेती हो, …
मुरली माधुरी - सवैया - राहुल सिंह "शाहावादी"
कारे कि कारि बङी मुरली, कुटिला यह कूर सुनावत गारी।। गैलन कूक भरै जमुना तट, सुनाय खिझावत रात ये सारी।। कांख लगी रहै सांझ सो ऐ, …
कर्म पर नियंत्रण रखा जा सकता है - आलेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला
मन आपके नियंत्रण में नहीं रह सकता लेकिन कर्म पर नियंत्रण रखकर आप मन को सही दिशा में लगा सकते हैं । मैंने जीवन के अनुभवों के आधार …
बात न जाने - ग़ज़ल - ममता शर्मा "अंचल"
कँहा गयी वो बात न जाने। बिगड़े क्यों हालात न जाने। ठीक- ठाक लगता था सब कुछ बदले क्यों जज़्बात न जाने आज जीत के दरवाज़े पर घूम रह…
रिश्तों की बुनियाद - कविता - अतुल पाठक
उम्मीदों का कारवाँ बिछड़ने लगा, दिखावे का रिश्ता बिखरने लगा। विश्वास का अब न बचा कोई ठौर है, ज़िंदगी मौन हो गई अब न रहा कोई शोर है…
अच्छा समय भी आयेगा - कविता - कपिलदेव आर्य
लाख बुरा सही, वक्त मेरा, इक दिन ये गुज़र जायेगा! सुनो, मुझपर हंसने वालों, अच्छा समय भी आयेगा! राहों से मंज़िल दूर सही, मैं थ…
संयम जीवन सारथी - दोहा - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
सरल प्रकृति नित संयमित, संयम आत्म नियोग। मधुरिम सहज उदारता , अनुपम सुख सहयोग।।१।। आत्म नियंत्रण संयमी , अन्तर्मन हो पू…
वक्त बदलता है - कविता - मधुस्मिता सेनापति
जिंदगी जो एक किताब हैं हर कर्मों का वह हिसाब हैं हमें न समय से शिकवा हैं क्योंकि वक्त हमेशा बदलता हैं....!! कर्मों के परिणाम …
रामराज्य के लिए हर किसी की हिस्सेदारी जरूरी - आलेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला
अब जब राम मंदिर का शिलान्यास शांति एवं सौहार्दपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ है तो समझो एक नए युग का आगाज हुआ है। अब रामराज्य के लिए …
कर दिया यूँ बेसहारा - गीत - राहुल सिंह "शाहावादी"
इस विरह की वेदना मे, जल रहा हूँ आज तक मेैं । सुर्ख होठो को हँसी, छङ भर न छू पाती कभी भी, साथ तेरा गर जो होता, …
मात-पिता भगवान - कविता - सतीश श्रीवास्तव
उनको धरती पर कहते हैं सारे लोग महान, जिनकी दृष्टि में होते हैं मात-पिता भगवान। स्वर्ग इन्हीं चरणों में बसता कहीं न जाएंगे, इतना प…
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