बारिश - कविता - मधुस्मिता सेनापति

यह बारिश का मौसम यह बारिश का पानी
आज याद आती है वह बचपन की कहानी
वो यादें आज जो भले ही हो गया हूं पुरानी
फिर भी बारिश की वह यादें लगती है सुहानी......!!

कागज की कश्ती और आंगन में पानी
कभी हमने भी की थी बचपन में शैतानी
वो यादें आज भले ही हो गया हो पुरानी
फिर भी बारिश की वह यादें लगती है सुहानी........!!

बारिश आज खुशियाँ लेकर आई
किसानों के लिए शुभ संकेत ले आयी
बारिश के आगमन से आसमान में काली घटा छाई
आज तो मेघ बरसने आई.........!!

बारिश आज खुशियाँ   लेकर आई
पेड़ पौधों में हरे रंग भर, अपनी खुशियाँ जताई
जीवन का सारा दुःख न जाने कहां गुम हो गई
बारिश के आगमन से आनंद के लहर छा गई
आज तो मेघ बरसने आई..........!!


मधुस्मिता सेनापति - भुवनेश्वर (ओडिशा)

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