कुटिला यह कूर सुनावत गारी।।
गैलन कूक भरै जमुना तट,
सुनाय खिझावत रात ये सारी।।
कांख लगी रहै सांझ सो ऐ,
हिय पै यह घात करै अति भारी।।
जाने न कौन लियो बदलो,
यह ठाकुर सौतनि घात दुखारी।।
राहुल सिंह "शाहावादी" - जनपद, हरदोई (उत्तर प्रदेश)
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