संदेश
रहे नहीं इरफान - गीत - समुन्दर सिंह पंवार
दुःखी आज हिन्द का हर इंसान रहे नही अभिनेता इरफान सही जाती नहीं ये पीर बरसता अँखियों से ये नीर थी उम्र अभी तो जवान रहे नह…
कोरोना का खतरा अभी तक टला नही - लेख - सुषमा दिक्षित शुक्ला
आज की तारीख में भारत में करीब साढे 31000 मामले कोरोनावायरस के आ चुके हैं। भारत की आबादी को देखते हुए यहां की स्थिति अन्य देशों …
जीवंत भारत - कविता - दीपक चौधरी
पावक धरा नभ नीर वायु मौन हैं विक्षुब्ध हैं ब्रम्हांड के हर भाग में एक अविदित युद्ध हैं कौशल सभी तकनीक के द्वार पर औझल हुए भूलकर…
बोलने से पहले तोलना - गीत - समुन्दर सिंह पंवार
सोच - समझ कर लब अपने खोलने चाहियें बोलने से पहले शब्द सदा तोलने चाहियें जात - धर्म को छोड़कर जोड़ो मानवता से नाता आपस में ब…
ए मौत तेरा डर नही - कविता - चीनू गिरि
ए मौत तेरा डर नही, यहां कोई अमर नही। मौत ही अटल सत्य है , बाकि दुनियाँ मिथ्या है। ए मौत तेरा डर नही मुझे डर तो जिंदगी से लगता…
लॉक डाउन मे लोगों की सोशल मीडिया पर सक्रियता - लेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला
हम कह सकते हैं कि लॉक डाउन की स्थिति में सोशल मीडिया पर लोगों की सक्रियता काफी हद तक बढ़ गई है। क्योंकि इस समय सभी अपने सुपरिचित ज…
एक गरीब लाचार - कविता - कवि कुमार निर्दोष
रख काँधे गुब्बारे निकला, एक गरीब लाचार मैने टोका बाबा क्या तुमको नही जान से प्यार फैल रही महामारी देश में दुखी है कोना कोना क्य…
जननी - गीत - समुन्दर सिंह पंवार
उपकार कदे ना भूलो उसका जिसने दुनिया दिखाई भगवान के तुल्य हो सै जग में सुणल्यो जननी माई नों महीने तु रखा गर्भ में ओटी सैं घण…
हिंद की उल्फत - कविता - जितेन्द्र कुमार
तेरे रग-रग में बहे गंगा, तुम्हारे हाथ में है तिरंगा| तीनों रंग में रंगकर तुम बना दो भारतवर्ष जन्नत यही है हिंद की उल्फ़त| त…
एक नज़र - कविता - रुखसाना सुल्तान
जिंदगी मौत ना बन जाए, संभल जाओ प्यारो, मुश्किल में है वतन छीन रहा चैनो अमन, कब तक निकलेगी यह घुटन, यह इंदिरा का वतन यह झां…
हमें आगे देश बढ़ाना होगा - कविता - मयंक कर्दम
बहती नदी, इधर-उधर, मंजिल की आस लगाए, पत्थर को बिना बहाए, बाढ़ के लिए नहीं ठहरती, माटी से मार्ग बनाना होगा, हमें आगे देश बढ़ान…
हद तक आस न खोना - कविता - सुषमा दीक्षित शुक्ला
सूखे पत्तों से झड़ जाते , इक दिन दुक्खों के साये । मीत हृदय को धीरज देना, …
लॉक डाउन मे मजदूरों का देशहित मे योगदान - लेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला
कोरोना वायरस की दुःखदायी स्थिति से देश मे लगे लॉक डाउन मे मजदूरों का देश के लिए योगदान अविस्मरणीय रहेगा। भारत में मजदूर भय…
जीवन एक व्यापार है - कविता - चीनू गिरि
जीवन एक व्यापार है , धैर्य इसका आधार है। लाभ हानि होती रहती है, धैर्य ना खोये वो ही समझदार है। जीवन एक व्यापार है स…
मजदूर - कविता - जितेन्द्र कुमार
अंततः उससे पूछा मैंने, आपको क्या बीमारी है? बड़े अदब से वो बोला, साहब! भूख भारी है। बार-बार यह सताती है, नींद बगैर शब जाती ह…
इक नारी - कविता - मयंक कर्दम
पुष्प की कली, खिलखिलाती आंगन की तुलसी मज़हर नियमों, से बंदी, खूबसूरत आभूषण से अधिक कोमल, गृह की मुख्य पात्र इक नारी। रि…
आज का प्रधान - भोजपुरी कविता - बजरंगी लाल यादव
देश परदेश सब बदला,बदला है गांव जहान, तन मन सबका बदला,बदला है खेत खलिहान, पहिले होत रहैं मुखिया,अब होत अहैं परधान, जनता के वोट से…
कोरोना - कविता - जितेन्द्र कुमार
वूहान से पूरी दुनिया में, फैल गया कोरोना वायरस। संकट में है अब मानवजाति, औषधि वास्ते रहा है तरस। हर शख्स घरों में कैद हैं, …
किसी को अहंकार है - कविता - सुषमा दीक्षित शुक्ला
किसी को अहंकार है , ज़रा से ही ज्ञान का । किसी को अभिमान है , मान औ सम्मान का । कोई प्रफुल्लित रूप गर्वित, प्राप्त प्रभु से…
लॉक डॉउन - गीत - समुन्दर सिंह पंवार
लॉकडॉउन का पालन करना फिलहाल है जरूरी ना तो कोरोना बढ़ जागा सावधानी बरतो पूरी कोरोना ने तहलका मचा रखा दुनिया भर में बचाव में बचाव…
सुपुत्र - कविता - माधव झा
बाप का दर्द उसे ही होता, जिसके पास न बाप रे, उसको क्या जो नित- दिन लड़ते, अपने माँ बाप के साथ रे, जबतक नई रिस्ते न थे, करते…
लॉक डाउन मे हर कोई बन गया एक दूसरे का सहयोगी - लेख - सुषमा दिक्षित शुक्ला
हम कह सकते हैं कि लॉक डाउन में हर कोई एक-दूसरे का सहयोगी बन गया है। इस भीषण त्रासदी के हालात मे लोग पुरानी नफ़रतें भुलाकर एक दूसर…
लाक डाउन में नव युगल की तड़प - बजरंगी लाल यादव
फोन से बात होती रही रात-दिन, आने पाया नहीं वो प्यारा सा दिन, थे तड़पते रहे जिस लिए दोनों दिल, लाक डाउन कहा तूं अभी नाहीं मिल, थ…
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