ला छाती कै तनै अपणा वा दूध पिलावण आली
तेरे खातिर उसनै अपणी रत्न जवानी गवाई
तेरे ऊपर वार कै पाणी बार - बार वा पिया करती
तेरी खुशी तै बढ़कै उसनै और खुशी ना चाही
मार कै अपणा आपा तेरे सपने पूरे करें सैं
तेरे ऊपर लुटा दी उसनै अपणी कष्ट कमाई
करकै सेवा माँ की अपणा भाग जगाना चाहिए
समुन्दर सिंह नै माँ की दया तै माँ की महिमा गाई
समुन्दर सिंह पंवाररोहतक हरियाणा