संदेश
जाते जाते 2020 - कविता - दिलीप कुमार शॉ
यह साल (2020) सबक़ कुछ ज़्यादा दे गया, मुसीबतो में अपनों का असलियत बता गया।। रिश्ते कैसे बदलते है इसका झाँकी दिखा गया, परिवार के साथ ज़िं…
श्वास अब भी चल रही है - कविता - प्रदीप कुमार कौशिक
श्वास अब भी चल रही है! वक़्त से विरक्त हो कर, शुभ - अशुभ हर भाव ढो कर तुम रुके पर वह सतत है, "दैव" की रचना अकथ है निशा के …
सुबह सवेरा - कविता - विनय विश्वा
सुबह सवेरा हुआ सुनहरा चिड़िया गाती मेरे अँगना सुबह सवेरा हुआ सुनहरा। कल-कल करती नदियाँ बहती उत्तर से है मलय बयार ये चलती कल-कल करती नद…
मिहिर! अथ कथा सुनाओ (भाग ३४) - कविता - डॉ. ममता बनर्जी "मंजरी"
(३४) जगपालक दिनमान, किरण पट अपना खोले। लेकर लंबी साँस, सगर्वित होकर बोले। बिहार की सरकार, घोषणा की थी जारी। पूर्ण रूप अधिकार, जैक को द…
स्वागत हो नववर्ष २०२१ का - दोहा छंद - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
नभ प्रभात अरुणिम किरण, हो नूतन उत्कर्ष। पौरुष बल अभिलाष नव, आलोकित नववर्ष।।१।। गंगा सम पावन विमल, मनुज हृदय उद्गार। परमारथ जीवन बन…
खट्टी मीठी बरस बीस की यादें - कविता - कानाराम पारीक "कल्याण"
उत्तर दिशा से हवाएँ चली, वुहान शहर को झकझोर के। हाहाकार मची इस धरा पर, मातमी मंज़र, दिन बुरे दौर के। भयकारी आलम पसर गया, मानव अपने घर म…
अलविदा साल - गीत - महेश "अनजाना"
गुज़रा हुआ हर साल आता नहीं दोबारा। आते ही नया साल हो जाते हैं आवारा। बीते हुए पल भूलें। खुशी से चल झूलें। महफ़िल को सजाएं, गलियां हो या…
तेरे शहर में हूँ - कविता - अंकुर सिंह
जब-जब तुम्हारे शहर में होता हूँ, तुम्हारी याद आ ही जाती है। भले चंद घंटे रही मुलाक़ात हमारी, फिर भी तुम्हारी याद आ जाती है।। पता हैं मु…
अँखियों के झरोखों से - कविता - सुधीर श्रीवास्तव
अलसाई आँखों की खुमारी से बाहर आइए, बिस्तर छोड़़िए बाहर निकलिए, सूर्य किरणों का रसपान कीजिए, प्रकृति से भी आँखें चार कीजिए। उनके बारे मे…
नया साल - कविता - अतुल पाठक "धैर्य"
नया साल हो नया राग हो, स्नेह खुशी और अनुराग हो। सारी परेशानी रहें दूर अब, कोरोना का काम तमाम हो। हे ईश्वर सबको अच्छी सौगात दो, नववर्ष …
नवल वर्ष के आँगन पर - कविता - सुषमा दीक्षित शुक्ला
दो हजार इक्कीस तुम आओ, जग में नूतन खुशियाँ लाकर। परम पिता की सदा दुआ हो, उनकी सुंदर बगिया पर। दो खुशियों की शुभ सौगातें, सुख के सुं…
नया अध्याय - कविता - अन्जनी अग्रवाल "ओजस्वी"
नव वर्ष की शुभ घड़ी का करो सत्कार। दो पलट पन्ना, लो खुशियाँ स्वीकार।। करके बुलन्द नित्य नया सपना। जीवन डगर में है आगे बढ़ना।। ख़्वाहिशों …
मिहिर! अथ कथा सुनाओ (भाग ३३) - कविता - डॉ. ममता बनर्जी "मंजरी"
(३३) लेकर नवल प्रभात, प्रभाकर नभ पे छाए। मंगलमय जयगान, मधुरतम स्वर में गाए। पल दो पल पश्चात, किरण पट अपना खोले। परम खुशी की बात, प्रफु…
कलि काल वर्ष सन् २० रहा - कविता - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
एक कलमकार के रूप में वर्ष २०२० का अनुभव कलि काल वर्ष सन् २० रहा, जग त्राहि त्राहि अति क्लेश सहा, कोरोना कहर महामारी, स…
नया साल - कविता - रमाकांत सोनी
रफ़्ता रफ़्ता गुज़र गया वो साल पुराना था, कड़वे मीठे अनुभवों का बड़ा ख़ज़ाना था। आने वाला साल इक्कीसवां बेहतर आएगा, स्वागत करें नववर्ष त…
गीता का मूल स्वरूप - आलेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला
धर्म का मूल स्वरूप ही गीता के ज्ञान का मूल स्वरूप है। गीता में भगवान श्री कृष्ण अर्जुन को यह बताते हैं कि मूल प्रकृति ही संसार की समस्…
अर्धसैनिक बलों का संकल्प - कविता - गणपत लाल उदय
हम तो मुसाफ़िर है केवल तुम्हारी कश्ती के, ज़िन्दगी जहाँ हमें कहेगी वही उतर जाएँगे। क्यों कि हम देश सेवा और निष्टा के पुजारी, चाहे कैसा भ…
नदियाँ - कविता - मिथलेश वर्मा
शांत भी होती है, कलकल भी। नदियाँ प्रवाहित है, अचल भी।। जीवन सहारा, है अविरल धारा। पर्वतों ने जिनको, धरा पर उतारा।। पहाड़ों से झरके, …
ताज! तमंचों का है - कविता - वरुण "विमला"
पहचान न पाओगे चेहरा, किरदार! उसका रंगमंचों का है। ज्ञान धरा का धरा रह जाता है, तरक्क़ी! चमचों का है। बातें चुभती, कड़वी लगती हैं। ज़ब…
भीमाकोरे गाँव - कविता - नीरज सिंह कर्दम
उन्होंने तलवार से इतिहास लिख दिया, इतिहास के पन्नों मे अपना नाम अमर दिया, एक एक ने छप्पन-छप्पन को मारा था, छप्पन इंच के सीने का असली म…
साहित्य रचना कोष में पढ़िएँ
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर