नया अध्याय - कविता - अन्जनी अग्रवाल "ओजस्वी"

नव वर्ष की शुभ घड़ी का करो सत्कार।
दो पलट पन्ना, लो खुशियाँ स्वीकार।।

करके बुलन्द नित्य नया सपना।
जीवन डगर में है आगे बढ़ना।।

ख़्वाहिशों की खोल लो अब गठरी।
मुश्किलों को अब कर दो सकरी।।

प्रेम भाव भक्ति और विश्वास का।
जलाओ दीप, बुलंद हौसलों का।।

पुराने दुःखों की मटकी को तोड़ों।
उम्मीद के सपनों से नाता जोड़ो।।

करो पार मुश्किलों की चट्टान को।
कर लो पार आंधी और तूफ़ान को।।

सुनो यार नववर्ष दो हजार इक्कीस।
मत दोहराना किस्सा-ए-दो हजार बीस।।

खुशहाली के सिक्कों से झोली भरना।
नहीं कोरोना वायरस से तुम डरना।।

अन्जनी अग्रवाल "ओजस्वी" - कानपुर नगर (उत्तर प्रदेश)

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