नया साल - कविता - रमाकांत सोनी

रफ़्ता रफ़्ता गुज़र गया वो साल पुराना था,
कड़वे मीठे अनुभवों का बड़ा ख़ज़ाना था।

आने वाला साल इक्कीसवां बेहतर आएगा, 
स्वागत करें नववर्ष तुम्हारा खुशियाँ लाएगा।

जब भी कोई नया नया हो जश्न मनाते हैं, 
नई सोच नई उमंग ले आगे बढ़ जाते हैं।

यह हमको विश्वास चेतना जन मन लाएगा, 
बदलावों की चले बयार विजय दिलाएगा।

अमन चैन का रस बरसे जीवन में भरपूर, 
नई साल की खुशियों में हो जाए इतना चूर।

हर मुश्किल को आसान कर खुद राह बनाएगा, 
स्वागत है नववर्ष जीवन में खुशियाँ लाएगा।

कोरोना का काल रहा संकट के बादल,
बदल जाए परिवेश आज का आये नूतन कल।

कहें अलविदा साल पुराना नूतन आएगा,
स्वागत है नववर्ष जीवन में खुशियाँ लाएगा।

इतिहासो में खो जाएगा बीता हुआ ये साल,
नए जोश और नई उमंग से बदलेंगे हम हाल।

नई प्रेरणा मार्गदर्शन फिर भी देकर जाएगा,
स्वागत है नववर्ष जीवन में खुशियाँ लाएगा।

रमाकांत सोनी - झुंझुनू (राजस्थान)

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