नया साल - कविता - अतुल पाठक "धैर्य"

नया साल हो नया राग हो,
स्नेह खुशी और अनुराग हो।

सारी परेशानी रहें दूर अब,
कोरोना का काम तमाम हो।

हे ईश्वर सबको अच्छी सौगात दो,
नववर्ष पर खुशियों का प्रभात हो।

सबका जीवन में विकास हो,
नया जोश नया उल्लास हो।

नैतिकता का सदा साथ हो,
सबके सिर पर बड़ों का हाथ हो।

ऊँच नींच भेदभाव के अंतर को मिटा दो,
नई सोच रखकर जीवन में सबको गले लगा लो।

द्वेष ग्लानि और क्रोध को इस 2020 में त्याग दो,
इक्कीस हो सबसे इक्कीस अपनत्व भाव प्यार हो।

अतुल पाठक "धैर्य" - जनपद हाथरस (उत्तर प्रदेश)

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