संदेश
जीवन उत्सव है - आलेख - ब्रह्माकुमारी मधुमिता "सृष्टि"
जीवन सर्वशक्तिमान परमात्मा का दिया हुआ ख़ूबसूरत वरदान है। ये विश्व एक रंगमंच है जिस पर हम आत्माएँ अवतरित होकर इस विश्व नाटक में जिसे जो…
हमारी पारंपरिक संपदाओं को बचाएँ - आलेख - डॉ. शंकरलाल शास्त्री
नया नौ दिन और पुराना सौ दिन की कहावत भला आज कितनी सच होती जा रही है यह बात किसी से छिपी नहीं है। दशकों पूर्व जब हम घर से स्कूल आते-जात…
स्फूर्ती - आलेख - निशांत सक्सेना "आहान"
हर बार जब आप जागते हैं तो आप एक अलग व्यक्ति होते हैं। नए दिनकर के साथ शरीर स्फूर्ति से परिपूर्ण होता हैं। आलस्य भी विभावरी के साथ उड़नछ…
भ्रष्टाचार - आलेख - प्रवल राणा "प्रवल"
देश के सामने भ्रष्टाचार बहुत बड़ी समस्या है, भ्रष्टाचार के निषेध के लिए क़ानून है, लोगों को शिकायत भी करनी चाहिए। किन्तु वास्तव में भ्रष…
भारतीय संस्कृति - आलेख - ओम प्रकाश श्रीवास्तव "ओम"
वास्तव में भारतीय संस्कृति सभी संस्कृतियों में से पुरातन है भारतीय संस्कृति सुसंस्कारों की खान है। यह ऐसी संस्कृति है जिसमें विभिन्न र…
हम परिस्थितियों से अधिक शक्तिशाली हैं - आलेख - ब्रह्माकुमारी मधुमिता "सृष्टि"
जीवन यात्रा में परिस्थितियाँ कभी एक जैसी नहीं होती। इसलिए हमें परिस्थितियों से अधिक शक्तिशाली बनना है, तभी हम अपने जीवन को आसान बना पा…
संकट में सिर्फ़ ईश्वर साथी - आलेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला
बेशक संकट के समय ईश्वर से बड़ा साथी कोई नहीं होता। कभी कभी ईश्वर अपना प्रतिनिधि किसी न किसी रूप में मदद करने भेज देते हैं, या दीन जन क…
आम आदमी और कोरोना - आलेख - प्रवीन "पथिक"
यह जीवन जितना दुर्लभ है उतना ही जीना दुष्कर। हमारा देश विगत दो सालों से जिस विषम परिस्थितियों से गुज़र रहा है, उसका चिन्ह साफ़ हमारे देश…
एक वृक्ष की पीड़ा - आलेख - संजय राजभर "समित"
मैं वृक्ष हूँ। प्रकृति का फेफड़ा हूँ, मैं निःसंदेह निःस्वार्थ भाव से प्रकृति के संचालन में अनवरत अथक संघर्ष करता हूँ। फल-फूल, छाँव, लक…
नवरात्रि और कन्या - आलेख - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
नवरात्र शक्ति भक्ति प्रीति, नीति रीति न्याय, समरस संस्कृति की पावन और सशक्त भावनाओं का संगम चित्र बन कर य नवीय समाज के समक्ष उपस्थापित…
कोरोना की हवाबाजी - आलेख - परमजीत कुमार चौधरी
देश और दुनिया में कोरोना की दूसरी लहर फिर से परवान पर चढ़ी है। पता नहीं यह और कितने दिन रहेगी हालांकि पिछले बार की तुलना में इस बार डर…
शिवशरण सिंह चौहान 'अंशुमाली' - आलेख - विमल कुमार "प्रभाकर"
हिन्दी साहित्य के सुविख्यात वरिष्ठ कवि, लेखक, आलोचक, सुधी सम्पादक शिवशरण सिंह चौहान 'अंशुमाली' समकालीन साहित्य में लोकप्रिय रच…
ये दस चीज़ें बिकाऊ नहीं - आलेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला
ज़िंदगी में हर चीज़ पैसे से नहीं खरीदी जा सकती। बहुत सी ऐसी चीज़ें हैं जो पैसे से नहीं जा खरीदी जा सकती, उसमें 10 ऐसी मुख्य चीज़ें हैं जो …
सतत विकास में कहाँ हैं हमारा समाज - आलेख - परमजीत कुमार चौधरी
हमारा देश और समाज निरंतर विकास के पथ पर अग्रसर है और हमने काफी सारे उपलब्धियां भी हासिल की है। परंतु क्या हमारा समाज सतत विकास की ओर अ…
वीर विनायक दामोदर सावरकर - आलेख - अजय गुप्ता "अजेय"
महान स्वतंत्रता सैनानी वीर विनायक दामोदर सावरकर भारतीय स्वात्रंत्य संग्राम के एक दैदीप्यमान प्रकाशपुंज है। भारतीय राष्टध्वज पताका '…
खुश रहने के बेहतरीन उपाय - आलेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयः। यही जीवन मूलभूत सिद्धान्त है। आपके साथ जीवन में जो भी घटनाएं होती हैं यदि आप हमेशा उनके सकारा…
जीवन एक अनुभव है - आलेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला
अनुभव वक़्त के संदूक का वह ख़ज़ाना है जो भविष्य में आप के काम आता है, लेकिन कोशिश तो आख़िर तक करनी ही चाहिए या तो लक्ष्य हासिल होगा या अनु…
घमंड छीन लेता है खूबसूरत रिश्ते - आलेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला
यह नितांत सत्य है कि घमण्ड आपके खूबसूरत रिश्ते छीन लेता है। जब व्यक्ति अपनी उपलब्धियों पर घमण्ड कर बैठता है तो स्वयं को सर्व श्रेष्ठ स…
अनुशासन से हो सोना कुंदन - आलेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला
अपने आपको मना कर पाने की सामर्थ्य के साथ ही गरिमा की समझ पैदा होती है यही अनुशासन की सीढ़ी है, यही सीढ़ी बनाती है सोने को कुंदन या यूँ क…
वादाखिलाफ़ी से इनकार बेहतर - आलेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला
वादाखिलाफ़ी कायराना हरकत है। विनम्रता पूर्वक किया गया इनकार झूठे वादों से बहुत अधिक अच्छा होता है। वादाखिलाफ़ी अति निंदनीय कृत्य है, वाद…
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