सुषमा दीक्षित शुक्ला - राजाजीपुरम, लखनऊ (उत्तर प्रदेश)
अनुशासन से हो सोना कुंदन - आलेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला
सोमवार, फ़रवरी 22, 2021
अपने आपको मना कर पाने की सामर्थ्य के साथ ही गरिमा की समझ पैदा होती है यही अनुशासन की सीढ़ी है, यही सीढ़ी बनाती है सोने को कुंदन या यूँ कहें कि साधारण व्यक्ति को महान।
यूँ तो अनुसाशन का पालन कड़वा होता है मगर उसका फल सदैव मीठा मिलता है।
अनुशासन और अभ्यास से ही आत्मविश्वास का जन्म होता है। अनुशासन ही उद्देश्य और उपलब्धि के बीच का सेतु है।
जब आप काम करते हैं तब सिर्फ़ काम करें, जब आप खेलते हैं तब सिर्फ़ खेलें, यही दमनकारी स्व अनुशासन का बुनियादी नियम है। जिस कार्य को आप न चाहते हुए भी करते हैं क्योंकि आप जानते हैं कि वह होना चाहिए यही अनुशासन है।
अनुशासन की सराहना करना एक अच्छी बात है और अनुशासन के लिए समर्पित होना एक अलग बात है।
धन, बल या सामाजिक प्रतिष्ठा से नहीं बल्कि आंतरिक शांति आंतरिक शक्तियों से आपकी सफलता का आकलन किया जाता है।
जीवन की अधिकतर परिस्थितियां 3 मूलभूत चुनावों से उत्पन्न होती हैं। आप कैसा अनुशासन चुनकर निभा पाते हैं, आप साथ रहने के लिए कैसे लोगों का चुनाव करते हैं और आप पालन करने के लिए कैसे नियमों को चुनते हैं।
बिना अनुशासन के प्रतिभा ऐसी होती है जैसे पहिया दार स्केट पर आक्टोपस, जिसमें बहुत सारी गतिविधियां होंगी लेकिन आप यह नहीं जान पाएँगे कि वह आगे जा रहा है पीछे जा रहा है किनारे जा रहा है।
अनुशासन वह निर्मल अग्नि है जिसमें प्रतिभा क्षमता में परिवर्तित हो जाती है।
इस बात पर ध्यान दिए बिना कि कोई हमें देख रहा है या नहीं किसी काम को सही ढंग से करना मात्र ही अनुशासन है।
बाहरी दबावों में नहीं बल्कि मानसिक आदतों को जो स्वाभाविक रूप से अवांछित गतिविधियों की बजाय वांछनीय रूपों में हो यही अनुशासन है।
स्वयं को अनुशासित करना आत्मविश्वास की सीढ़ी है। आत्मानुशासन की भावना ऐसे गुण है जो हमें दैनिक जीवन को शांत मन की ओर ले जाने में मदद करते हैं या यूँ कहें कि शांति प्रदान करते हैं।
सैनिकों को उनके दुश्मनों से ज़्यादा अधिकारियों से डर होना ही अनुशासन की कला है।
अगर मुझे महान बनना है तो मुझे पहले अपने आप पर विजय पानी होगी इसी को अनुशासन कहते हैं। अगर मैं ख़ुद को नियंत्रित नही करूँगी तो हमारा यह काम दुनिया करेगी।
अपने मस्तिष्क को नियंत्रित करना चाहिए नहीं तो आपका मस्तिष्क आप को नियंत्रित करने लगेगा।
आत्म सम्मान अनुशासन का फल है यह निर्विवाद सत्य है।
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