संदेश
हिंदी भाषा के समक्ष चुनौतियाँ - आलेख - डॉ॰ ममता मेहता
हिंदी भारत की राष्ट्र भाषा होने के साथ जनभाषा भी है। यही वह भाषा है जिसने कश्मीर से कन्याकुमारी तक संपूर्ण भारत को एक सूत्र में बाँध र…
मैथलीशरण गुप्त: एक योद्धा - आलेख - डॉ॰ अर्चना मिश्रा
मैथिलीशरण गुप्त आधुनिक युग के कवि माने गए। गुप्त जी को सिर्फ़ कवि कहना ही काफ़ी नहीं होगा, ये एक युगकवि कहलाए। इनका साहित्य, साहित्य क…
नेताजी सुभाष चंद्र बोस और गिरिडीह - आलेख - डॉ॰ ममता बनर्जी 'मंजरी'
गिरिडीह के सुनहरे अतीत के पन्ने खोलकर देखने से पता चलता है कि यह कभी बंगालियों का गढ़ हुआ करता था। यहाँ के शुद्ध वारावरण और सुंदर आबोहव…
झारखण्ड के अमर शहीदों को जोहार : अमर शहीद तिलका माँझी - धारावाहिक आलेख - डॉ॰ ममता बनर्जी 'मंजरी'
अमर शहीद तिलका माँझी जन्म - 11 फ़रवरी, 1750 मृत्यु - 13 जनवरी, 1785 तिलका माँझी का जन्म बिहार के सुल्तानगंज में तिलकपुर नामक गाँव में…
झारखण्ड के अमर शहीदों को जोहार : अमर शहीद रघुनाथ महतो - धारावाहिक आलेख - डॉ॰ ममता बनर्जी 'मंजरी'
अमर शहीद रघुनाथ महतो जन्म - 21 मार्च, 1738 मृत्यु - 5 अप्रैल, 1778 तत्कालीन बंगाल के मानभूम अर्थात छोटानागपुर के जंगलमहल जिले के अंतर्…
झारखण्ड के अमर शहीदों को जोहार : अमर शहीद बुधू भगत - धारावाहिक आलेख - डॉ॰ ममता बनर्जी 'मंजरी'
15 नवम्बर, 2022 को झारखंड 22 साल का हो जाएगा। 'झारखण्ड स्थापना दिवस' का पावन दिन आदिवासी नेता बिरसा मुंडा की जयंती के रूप में …
मानसिक तनाव - आलेख - सुनील माहेश्वरी
अधिकतर तनाव का मुख्य कारण काम का समय से पूरा नहीं करना होता है, जिससे हमें मानसिक तनाव होता है, हमें अवचेतन मन में पता होता है कि हमें…
हिन्दी कब राष्ट्रभाषा बनेगी? - आलेख - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
मागधी अर्द्ध मागधी प्राकृत संस्कृत से निर्मित ग्यारह सौ वर्षों के बृहत्काल में नवांकुरित नवपल्लवित पुष्पित और सुरभित फलित हिन्दी भाषा …
साइकिल - आलेख - पारो शैवलिनी
साइकिल चलाना व्यायाम करने और परिवहन पर पैसे बचाने का एक शानदार तरीक़ा है। साइकिल चलाना बच्चों और वयस्कों समेत महिलाओं के लिए भी उपयोगी …
जल जीवन है इसे बचाएँ - आलेख - डॉ॰ शंकरलाल शास्त्री
अप्सु भेषजम्। जल औषधि है। जल का ही दूसरा नाम जीवन भी है। समूचे विश्व में प्रतिवर्ष विश्व जल दिवस मनाया जाता है। चारों और बड़े-बड़े विज…
धूमिल सी होने लगी होली की यादें - आलेख - डॉ॰ शंकरलाल शास्त्री
होली का नाम सुनते ही चंग और झांझ, मंजीरों के साथ धमाल का गाया जाना हमें आज भी अच्छे से याद है। बचपन की उन स्मृतियों को ताज़ा करते हैं त…
सौंदर्य - आलेख - रतन कुमार अगरवाला
आज सहसा ही मन में ख़्याल आया कि विषय “सौंदर्य” पर कुछ जानकारी प्रद लिखने की कोशिश करूँ। हिन्दी व्याकरण के अनुसार “सुन्दर” शब्द विशेषण ह…
नारी की समाज में नारायणी भूमिका - आलेख - सुधीर श्रीवास्तव
सृष्टि निर्माण और उसके अबाध संचालन के केंद्र में नारी है, ईश्वर के बाद सांसारिक धुरी नारी ही है। नारी सिर्फ़ सृजक भर नहीं है। सृजन संतु…
ख़ुद को ही सर्वश्रेष्ठ न समझें - आलेख - सुधीर श्रीवास्तव
श्रेष्ठ या सर्वश्रेष्ठ होना हमारे आपके जबरन ख़ुद को घोषित करने की ज़िद कर लेने भर से नहीं हो जाता। परंतु ख़ुद को श्रेष्ठ अथवा सर्वश्रेष्ठ…
सीखें सिखाएँ - आलेख - सुधीर श्रीवास्तव
ये हमारा सौभाग्य और ईश्वर की अनुकंपा ही है कि हमें मानव जीवन मिला, तो ऐसे में हम सभी की ये ज़िम्मेदारी है कि हम इस चार दिन के लिए नश्वर…
इतिहास के पन्नों में गुम नायक क्षितिज मुखोपाध्याय - आलेख - डॉ॰ ममता बनर्जी 'मंजरी'
स्वाधीनता का 75 वर्ष मनाया जा रहा है। लोग एक-दूसरे को बधाइयाँ दे रहे हैं। मैनें भी दिया। लेकिन देश के वीर सपूतों को याद करने के क्रम म…
गुरु - आलेख - कर्मवीर सिरोवा
गुरु अपने सभी शागिर्दों पर रहमतें बरसाता है अगरचे ज़ुबाँ से बरसे या मास्टरजी के दिव्य डंडे से। जिसने ये ईल्म, नेमतें हासिल कर ली वो ख़ुश…
एक पल - आलेख - सुधीर श्रीवास्तव
समय का महत्व हर किसी के लिए अलग-अलग हो सकता है। इसी समय का सबसे छोटा हिस्सा है "पल"। कहने सुनने और करने अथवा महत्व देने में …
सहनशीलता के संग ज़मीर का जंग - आलेख - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
सहनशीलता के संग ज़मीर का जंग सदैव ही मानवजाति के पुरुषार्थ, संयम, धैर्य, साहस, आत्मबल और आत्मविश्वास की परीक्षा मानी जाती रही है। जीवन …
अवसाद और चिंता - आलेख - निशांत सक्सेना "आहान"
जब मनुष्य किसी भी मनोभाव से दुखी होता है, हताहत होता है। वही स्थिति अवसाद कहलाती है। यह एक मनोवैज्ञानिक बीमारी मानी जाती है। अवसाद का …