संदेश
गाँव - गीत - पंकज कुमार 'वसंत'
जब-जब गाँव गया मैं अपने, हुई सभाएँ यादों की। कुछ पंचायत गली-गल्प की, कुछ पंचायत वादों की। (गाँव गली) कंकड-पत्थर ने पैरों पर, साँझ-सवेर…
राम दरबार - कविता - गायत्री शर्मा 'गुंजन'
द्वादश गृह है जन्म कुंडली स्थिर हैं लग्नेश, कुछ दलबदलू गोचर ग्रह अतिथिगण बन करें प्रवेश। आज उपाय एक करना है दूजा कल पर टाल, ऐसे ही भय …
तीर तरकश कमान बाक़ी है - ग़ज़ल - अरशद रसूल
अरकान : फ़ाइलातुन मुफ़ाइलुन फ़ेलुन तकती : 2122 1212 22/112 तीर तरकश कमान बाक़ी है, हौसलों में उड़ान बाक़ी है। जिस्म में थोड़ी' जान बाक़ी…
दुल्हन - कविता - नृपेंद्र शर्मा 'सागर'
मेहँदी भरे हाथ और किए सोलह शृंगार, मन में उथल पुथल कि जाने कैसा होगा ससुराल। नाज़ुक मन है, नाज़ुक तन है, और है दिल में भाव अपार, क्या सा…
जीने की परिभाषा सीखो - गीत - शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली'
यदि परिवार चलाना हो तो, जीने की परिभाषा सीखो। थोड़े दिन का यह जीवन है, आना जाना लगा हुआ है। नश्वरता बैठी अग-जग में, यह क्रम अविरल बना …
कैसे लिखूँ शेष बचे शब्द - कविता - नौशीन परवीन
तुम्हारे द्वारा किए प्रेम में मेरे प्रेम के कई धागे उलझते ही चले गए मेरा अतीत मेरा भविष्य उलझे हुए रिश्ते सारे के सारे क़ैद हो चल…
प्रेम - कविता - स्नेहा
प्रेम कहाँ अधूरा होता हैं हँसी, ख़ुशी प्यार, पागलपन एहसास... सब कुछ तो मिल जाता हैं। कभी प्यारी सी मुस्कान तो कभी प्रेम से भरी हुई आँखे…
सागर किनारे - कविता - अनिल कुमार
एक शाम अकेले हम-तुम बाँहो में बाँहें डाले एक-दूजे के संग आओ, साथ चले सागर किनारे मेरे जीवनसाथी-हमदम एक संध्या सागर किनारे रेत पे चलते …
प्राचीन लिपियाँ - कविता - डॉ॰ रेखा मंडलोई 'गंगा'
आइए आज हम प्राप्त करे प्राचीन लिपियों का ज्ञान। प्राचीन काल में अनेक लिपियाँ बढ़ाती थी भारत की शान। प्राचीन बौद्ध ग्रंथ ललित-विस्तर मे…
क़लम - कविता - संजय परगाँई
कभी अतीत की यादें, तो कभी भविष्य की बातें, कभी टूटे दिलों के हाल, तो कभी मोह मायाजाल, कभी अधूरी सी कहानी, तो कभी अजीब सुनसानी, कभी ज़मा…
प्रतीक्षा में भी प्रेम है - कविता - अनुराग शुक्ल 'अद्वैत'
पथ पर निकल पड़ा है, प्रेमी प्रेम से भरी आशा लेकर आनंद ही आनंद वहाँ, जहाँ आया प्रेम को लेकर। जारी है, प्रेम का सिलसिला जहाँ देखो वहाँ…
दिया रूपी जीवन - कविता - लक्ष्मी दुबे
थरथराता सहमा सा "दिया" रूपी जीवन अब अपने लौ के अंत को देखता है। अँधियारा सा हर ओर व्याप्त है कुछ बुझते हुए चिराग़ों को ये बड़…
अभी बाक़ी है - गीत - सुषमा दीक्षित शुक्ला
तू मुझमें अभी बाक़ी है, तू मुझमें कहीं बाक़ी है। ये तेरा ही तो साया है , ये अब भी मेरा साथी है। ये तेरा ही तो जलवा है, ये मुझमें कायम रह…
कहीं कल अगर वो मिलेंगे - ग़ज़ल - नागेन्द्र नाथ गुप्ता
अरकान : फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन तक़ती : 122 122 122 कहीं कल अगर वो मिलेंगे, न इनकार उनकी सुनेंगे। मुहब्बत हमारी पुरानी, बयाँ हम कहानी करें…
शशिधर बम बम - घनाक्षरी छंद - रविंद्र दुबे 'बाबु'
तिलक विजय सज गंग लट जट सट। हर हर सब पर बम बम बम बम॥ कंठ पर विषधर विष पिय जमकर। बम बम बम बम हर हर बम बम॥ सरपट करतल अपपठ फट कर। उग्र भव…
उड़ान - कविता - अनिकेत सागर
परिंदों सा उड़ना जब सीख लेगा तू, धरती से अंबर तक तेरा नाम होगा। टूटी शमशीरों से लड़ना सीखेगा तो, हर शख़्स तुझे करता सलाम होगा। राहों मे…
खिड़की से आने लगी हवा - कविता - अशोक बाबू माहौर
खिड़की से आने लगी हवा थोड़ी-थोड़ी लहराने लगे कुछ कपड़े जो टँगे थे उदास खूँटी पर कल परसों से। झूमने लगे स्तंभ से तने पेड़-पौधे जैसे मिल…
एक क़दम अध्यात्म की ओर - लेख - लक्ष्मी सिंह
'अध्यात्म' एक ऐसा वाक्य जिसे सुनने मात्र से ही शान्ति पहुँचने लगती है हमारे हृदय को, अब सोचने वाली बात ये है कि जिसे सुनने से …
मैं रहूँ न रहूँ याद रखना मुझे - गीत - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
मैं रहूँ न रहूँ याद रखना मुझे, दिली ख़्वाबों में रख जिआ हूँ तुझे। माना शरारत किया है जो तुमसे, दिलों जान शबनम हूँ चाहा तुझे। बेइन्त…
दोस्ती - कविता - साधना साह
कुछ कहने की आरज़ू तुम्हारी कुछ सुनने की कशिश मेरी चलो न कहीं दूर तक चलते हैं। न तुम इक़रार-ए-वादा करो न मैं उम्मीदें ख़्वाहिश रखूँ चलो न…
चरित्रहीन - कविता - अनुष्का द्विवेदी
पंद्रह साल की लड़की हाथो पर मेहँदी से प्रेमी का नाम सजा रही है और शर्माकर हाथों को छुपा रही है। चुपके से आईना के सामने छोटी टिकुली लग…
पच्चीस हज़ार का जूस - कहानी - अनुराग उपाध्याय
ग़ुस्सैल सूरज, गरम हवाएँ, आग बरसाती धरती और नेताओं के दिमाग़ की तरह बेहोश हुआ पंखा, आते जाते आदमियों के हाथ से फ़ाइल लेना और फिर उन्हें ट…