नागेंद्र नाथ गुप्ता - मुंबई (महाराष्ट्र)
कहीं कल अगर वो मिलेंगे - ग़ज़ल - नागेन्द्र नाथ गुप्ता
शुक्रवार, जुलाई 08, 2022
अरकान : फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन
तक़ती : 122 122 122
कहीं कल अगर वो मिलेंगे,
न इनकार उनकी सुनेंगे।
मुहब्बत हमारी पुरानी,
बयाँ हम कहानी करेंगे।
उदासी से लबरेज़ आँखें,
हमें देख के कुछ कहेंगे।
बिना प्यार सावन अधुरा
तमन्ना वो वापस मिलेंगे।
सुहाता नहीं दूर रहना,
जुदाई नहीं अब सहेंगे।
नहीं वक़्त ज़्यादा बचा है,
न जज़्बात में हम बहेंगे।
नहीं चार दिन का भरोसा,
सही फ़ैसला अब करेंगे।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर