नागेंद्र नाथ गुप्ता - मुंबई (महाराष्ट्र)
कहीं कल अगर वो मिलेंगे - ग़ज़ल - नागेन्द्र नाथ गुप्ता
शुक्रवार, जुलाई 08, 2022
अरकान : फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन
तक़ती : 122 122 122
कहीं कल अगर वो मिलेंगे,
न इनकार उनकी सुनेंगे।
मुहब्बत हमारी पुरानी,
बयाँ हम कहानी करेंगे।
उदासी से लबरेज़ आँखें,
हमें देख के कुछ कहेंगे।
बिना प्यार सावन अधुरा
तमन्ना वो वापस मिलेंगे।
सुहाता नहीं दूर रहना,
जुदाई नहीं अब सहेंगे।
नहीं वक़्त ज़्यादा बचा है,
न जज़्बात में हम बहेंगे।
नहीं चार दिन का भरोसा,
सही फ़ैसला अब करेंगे।
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