अभी बाक़ी है - गीत - सुषमा दीक्षित शुक्ला

तू मुझमें अभी बाक़ी है,
तू मुझमें कहीं बाक़ी है।
ये तेरा ही तो साया है ,
ये अब भी मेरा साथी है।

ये तेरा ही तो जलवा है,
ये मुझमें कायम रहता है।
तू अपनेपन की बातें,
मुझसे ही तो कहता है।

मैं तन्हा नहीं साजन,
यादें जो तेरी आती हैं।
तू मुझमें अभी बाक़ी है,
तू मुझमें कहीं बाक़ी है।

तू ही तो मेरा जानम है,
मैं तेरी वो कहानी हूँ।
तू मेरा इक दीवाना,
मैं तेरी प्यारी रानी हूँ।

मैं लम्हा-लम्हा मरती हूँ,
ये जीना हुआ काफ़ी है।
तू मुझमें अभी बाक़ी है,
तू मुझमें कहीं बाक़ी है।

सुषमा दीक्षित शुक्ला - राजाजीपुरम, लखनऊ (उत्तर प्रदेश)

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