प्रतीक्षा में भी प्रेम है - कविता - अनुराग शुक्ल 'अद्वैत'

पथ पर निकल पड़ा है, प्रेमी
प्रेम से भरी आशा लेकर
आनंद ही आनंद वहाँ, 
जहाँ आया प्रेम को लेकर।

जारी है, प्रेम का सिलसिला 
जहाँ देखो वहाँ शुभ ही शुभ
अद्भुत जुड़ाव है, पवित्र मन का
जहाँ प्रतीक्षा में भी प्रेम है।
   
हर मुश्किल में भी मुस्कुराहट है,
जहाँ प्रेम की क़ुर्बानी है
मंज़िल की चाहत वहाँ,
जहाँ प्रतीक्षा में भी प्रेम है।

अनुराग शुक्ल 'अद्वैत' - प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)

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