संदेश
प्रेम और जाति-धर्म - कविता - नीरज सिंह कर्दम
मैं आ जाती तुम्हारे साथ क़दम से क़दम मिलाकर चलने को, पर मेरे पैरों को जकड़ लिया जाति-धर्म की बेड़ियों ने। हम मिलते थे हर रोज़ उस स्कूल के…
खुली हवा में साँस - कविता - डॉ. कुमार विनोद
खुली हवा में साँस लेने का सुख उस कबूतर से पूछो जो पिजड़े में कभी क़ैद न हो। मुक्त गगन में दम्भ भरता है उड़ने की कलाबाज़ी दिखाता है नज़द…
मैं ममता हूँ (भाग ६, अंतिम भाग) - कविता - डॉ. ममता बनर्जी "मंजरी"
(६) मेरे ही बच्चे फसल खेत में बोते हैं। ईंटा-पत्थर कोमल कँधों पर ढोते हैं। आठों घण्टे खटते खूब कारखानों में। नित्य बहाते सीकर कोयला-खद…
जोकर - कविता - चीनू गिरि
ठोकरें खाते गए और मुस्कुराते रहे, हम अपनी हिम्मत को आज़माते रहे! आदत ही ऐसी है हमारी तो साहब, हम दुश्मनों को भी गले लगाते रहे! महफ़िलों …
विरह - कविता - डॉ. सरला सिंह "स्निग्धा"
विरह की घड़ियाँ बड़ी हैं श्याम तुम आ जाओ ना! चरणों में तेरे शीश रखकर करूँ बंद निज दोनों नयन। बस बाँसुरी बजती रहे बस मैं बोलूँ नहीं म…
मातृभूमि - कविता - रमाकांत सोनी
मातृभूमि जन्मभूमि, मात वीर वसुंधरा। वंदन पावन धरती, कण-कण में साहस भरा। शौर्य पराक्रम शूरता, लाल तेरे दिखलाते। सरहद पर तैनात सेना…
हे! स्त्री - कविता - प्रेम प्रकाश बोहरा
कठपुतली हो तुम अपने घर की, ना प्यार मिला ना सम्मान सज़ा मिली तुम्हे नफ़रत की। मत भूल अपराध सहना भी अपराध से कम नहीं, मत भूल अपराधी को अप…
जलेबी - कविता - सुधीर श्रीवास्तव
मेरी शक्ल सूरत ही मत देखिए, मेरे अंदर भी झाँकिए। माना कि उलझा उलझा है तन मेरा, पर इसकी चिंता मैं क्यों करुँ? मैं अपना स्वभाव नहीं छो…
कुछ सवालों के जवाब - कविता - प्रिया पाण्डेय "अनन्या"
कुछ यूँ आए तुम मेरी ज़िन्दगी में, मेरे आँसुओं को खुशी में बदल दिया तुमने, राहों से काँटे हटाकर, ज़िन्दगी को फूलों से भर दिया तुमने, ऐ…
पायल - कविता - अंकुर सिंह
छम-छम कर पायल छमकें, धक-धक करके दिल धड़के। तेरे पैरों की पैंजनी जब बाजें, तेरे यौवन चमक-चमक चमके।। तेरे मांथे की बिंदी, पैरों के पायल,…
मैं ममता हूँ (भाग ५) - कविता - डॉ. ममता बनर्जी "मंजरी"
(५) मैं मातु यशोदा शकुंतला यशोधरा हूँ। कौशल्या मायादेवी त्रिशला तारा हूँ। महा समर लक्ष्मीबाई बन के करती हूँ। मैं बन कल्पना उड़ान गगन पे…
हौसलों की उड़ान - कविता - सुनील माहेश्वरी
हौसलो में जान हो, तो फिर क्या जहान हो, उम्मीदों में शान हो तो, फिर क्या जहान हो, दिल में हो सुकून तो, फिर क्या जहान हो। कहानी में हो क…
मन में याद, याद में तुम हो - गीत - डॉ. कुमार विनोद
मन में याद, याद में तुम हो। तुझ में है सपने अन-गिन॥ आँगन में तुलसी का चौरा और नीम यूँ झूम रही है गिल्लू भागा दौड़ा फिरता गौरैया कुछ…
समय का पहिया - कविता - कवि कुमार प्रिंस रस्तोगी
हालात बयां न होंगे आई पूस की रात, चूल्हा चकिया भी ठंडा कैसे कटेगी रात। रोज़ सवेरे शाम वही लेता प्रभु का नाम, फिर भी वक्त नही मानो अ…
लखि वसन्त कवि कामिनी - दोहा छंद - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
खिली मंजरी माधवी, प्रमुदित वृक्ष रसाल। हिली डुली कलसी प्रिया, हरित खेत मधुशाल।।१।। वासन्तिक पिक गान से, मुदित प्रकृति अभिराम। …
संयोग से आज हम तुम मिले - गीत - राम प्रसाद आर्य "रमेश"
ये माथे से घूँघट हटा दे ज़रा, ये चाँद सा चेहरा दिखा दे ज़रा। संयोग से हैं आज हम-तुम मिले, ये शरमाना मुझे भी सिखा दे ज़रा।। ये माथे से…
आख़िर सजन के पास जाना - कविता - सुषमा दीक्षित शुक्ला
छुपा निज उर शूल को, कितना कठिन है मुस्कुराना। पहन अभिनय का मुखौटा, कठिन है अभिनय दिखाना। आह! इक अंदर समाई, इस दर्द को है कौन जाना। अब…
नामुराद - कविता - तेज देवांगन
तू बेअसर, या मै नामुराद हो गया। तू भी न बदली, मै भी न बदला, ना जाने फिर कोई क्यूँ तेरा साद हो गया। इश्क़ वहीं था, दर्दे मोहब्बत, ना जान…
सरहद के रखवाले - गीत - रमाकांत सोनी
सरहद के रखवालों को, सीमा के सभी जवानों को, आन वतन मिटने वाले, अमर शहीद परवानों को। शत शत वंदन, शत-शत वंदन। जब जब देश पर संकट आया, वी…
मेरी हमसफ़र - दोहा छंद - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
तुम हो मेरी हमसफ़र, तुम हो मेरा प्यार। यायावर संघर्ष पथ, जीवन का आधार।।१।। स्वाभिमान जीवन्त हो, बिन याचन हो राह। सुख-दुख के मँझधार मे…
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