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बड़ा मज़ा आता था - कविता - अखिलेश श्रीवास्तव
बचपन के दिनों में दोस्तों के साथ मिलकर शरारतों को करने में बड़ा मज़ा आता था। बचपन के खेल-खेल में अपने दोस्त की ढीली पैंट नीचे निपकाने …
यादों की बारात सजाऊँ - गीत - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
यादों की बारात सजाऊँ, बचपन फिर लम्हें जी पाऊँ। माता की ममता छाया तल, पा सुकून फिर से सो जाऊँ। बाबूजी भय से सो जाऊँ, किताब खोल स्वमन बह…
जब भी मैं तुम्हें याद करती हूँ - कविता - शालिनी तिवारी
तुम्हें पता हैं जब भी मैं तुम्हें याद करती हूँ, तो ऐसे ही तुम्हें ख़त लिखने लगती हूँ। और साथ ही ख़ुद से यह वादा भी करती हूँ कि हमेशा इन …
मैं रहूँ न रहूँ याद रखना मुझे - गीत - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
मैं रहूँ न रहूँ याद रखना मुझे, दिली ख़्वाबों में रख जिआ हूँ तुझे। माना शरारत किया है जो तुमसे, दिलों जान शबनम हूँ चाहा तुझे। बेइन्त…
बहुत याद आते हैं - कविता - जयप्रकाश 'जय बाबू'
वो काग़ज़ के नाव वो अमरा के छाँव वो अखाड़े का दाँव वो जाड़े का अलाव बहुत याद आते हैं। वो गिल्ली औ डंडे वो लहराते सरकंडे वो डुगडुगी का ए…
तेरी यादें - कविता - रेखा टिटोरिया
यादों के गलियारे से जब भी पीछे जाती हूँ तेरी यादें तंग करती हैं। यादों के तानो बानो से कभी उधेड़ूँ कभी बनूँ इन उलझे सुलझे धागों में जब…
छोड़ चले हैं बाबूजी - गीत - प्रवीन 'पथिक'
जीवन के सूने आँगन में, यादों की पतझड़ है छाई। एक दिवस ऐसा न गुज़रा, जिस रोज़ उनकी याद न आई। कर अनाथ हम माँ बेटे को, मुख मोड़ चले हैं बाब…
तू जीवन की वो स्मृति है - कविता - राघवेंद्र सिंह
तू जीवन की वो स्मृति है जिसकी विस्मृति भी स्मृति है। इन नयनों के सजल सिंधु में तू ही सुंदर सरल कृति है। दृग जल तेरे अनुयायी हैं तू ही …
यादों का बसंत - कविता - ज्योत्स्ना मिश्रा 'सना'
रविवार की अलसाई सुबह जाग रही थी तेरी यादों के संग खिड़की से ताका तो तुम्हारी सहेली मिली... वो बसंत की शोख-सी चंचल सुबह... गोया तुम्हा…
ठंड का मौसम यादें तेरी आती बहुत हैं - ग़ज़ल - भगवती प्रसाद मिश्र 'बेधड़क'
अरकान : फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ऊलुन तक़ती : 22 22 22 22 22 122 ठंड का मौसम यादें तेरी आती बहुत हैं, तेरी खट्टी-मीठी बातें …
वो ज़माना याद है - गीत - रमाकांत सोनी
वो हंसी पल वो तराना सुहाना याद है, हम मिले थे आपसे वो ज़माना याद है। खिल उठा था चमन चहक उठी वादियाँ सभी, ख़ुशियाँ बरस पड़ी महक उठी बगिया…
डाँट - संस्मरण - महेन्द्र 'अटकलपच्चू'
मुझे याद है आज भी वो दिन जिस दिन मेरे पिताजी ने बुरी-बुरी गालियाँ देकर घर से निकल जाने को कहा था। बेरोज़गार था काम-धाम करता नही था। ऊपर…
कविता यादों की - कविता - नागेन्द्र नाथ गुप्ता
याद करना होता सरल पर भूलना ज्यादा कठिन, आसान है प्यार करना पर समझना ज़्यादा जटिल। जिसको चाहे उसको कर ले याद जब जी करें पर नहीं आसान ह…
स्मृति के चेहरे - कविता - रवि तिवारी
स्मृतियों के भी चेहरे होते है, अच्छी स्मृतियाँ होती है नदी जैसी और छिछली जिसमे डूब कर भी हम आधे हक़ीक़त पर। रहते है। बुरी स्मृतियाँ सागर…
वो प्यारा बचपन - कविता - निकिता मिश्रा
वो प्यारा बचपन पीछे जा रहा है, यादो में तेरी खोया जा रहा है। वो ज़िद कर के कुछ भी माँग लेना, वो रूठ कर किसी से कुछ भी कह देना, ऐसा बचपन…
वह चिट्ठी-पत्री वाला प्यार - गीत - रमाकांत सोनी
याद बहुत आता है वह ज़माना वह संसार, पलकों की बेचैनी वह चिट्ठी-पत्री वाला प्यार। दो आखर पढ़ने को जाते महीनों गुज़र, चिट्ठी मिलती ऐसे जैसे…
गीत-ओ-नज़्में लिख उन्हें याद करते हैं - ग़ज़ल - अमित राज श्रीवास्तव 'अर्श'
अरकान : फ़ाइलुन फ़ाईलुन फ़ेलुन फ़ेल फ़ाईलुन तक़ती : 212 222 22 21 222 गीत-ओ-नज़्में लिख उन्हें याद करते हैं, चाय की सोहबत में दिल को शाद करते…
मेरी नन्हीं दुनिया - कविता - सुनील माहेश्वरी
जहाँ जन्म हुआ उन यादों को कैसे भूल जाएँ, जहाँ बीता बचपन मेरा उस ख़्वाबगाह को क्यों भूल जाएँ। मिट्टी के घरौंदे बचपन की मस्ती थी सबस…
रह जाती है सूनी डाली - कविता - राघवेंद्र सिंह
जिस दिन एक फूल जुदा होगा, उस डाली का फिर क्या होगा। था सींचा जिसने दिन रात उसे, उस माली का फिर क्या होगा। जिस दिन आई होगी आंँधी, वह डा…
यादें - कविता - रमाकांत सोनी
बड़ी सुहानी लगती यादें, प्रेम भरी मनभावन सी। उर उमंग हिलोरे लेती, झड़ी बरसते सावन सी। सुख-दुख के मेंघ मँडराए, यादें बस रह जाती है। घ…