नागेन्द्र नाथ गुप्ता - मुंबई (महाराष्ट्र)
कविता यादों की - कविता - नागेन्द्र नाथ गुप्ता
बुधवार, जनवरी 05, 2022
याद करना होता सरल
पर भूलना ज्यादा कठिन,
आसान है प्यार करना पर
समझना ज़्यादा जटिल।
जिसको चाहे उसको
कर ले याद जब जी करें
पर नहीं आसान होता
भूल पाना, क्या करें?
भुलाए न भूलते हैं हमें
वाकिये पिछले कई
याद आते वक्त बेवक्त सारे
बीते हुए लम्हें सभी।
नाम हम भूल जाते
पर याद रहती है छवि
गीत रचना छंद कविता
यादों की रचते हैं कवि।
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