संदेश
मैं कैसे भूल जाऊँ? - कविता - अभिषेक द्विवेदी 'नीरज'
वो मेरा प्यारा सा गाँव, वो पेड़ों की ठन्डी छाँव, वो कलियाँ फूलों की, मस्तियाँ सावन की झूले की, मैं कैसे भूल जाऊँ? वो प्यारी सी डाँट नान…
मुझको याद है - ग़ज़ल - ममता शर्मा 'अंचल'
अरकान: फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन तक़ती: 2122 2122 212 वह पुराना गीत मुझको याद है, जो रहा दिल मे सदा आबाद है। देख मुझको फ़िक्र में कहता …
बचपन की यादें - कविता - सरिता श्रीवास्तव 'श्री'
यादें बचपन बड़ी सुहानी, जैसे बहता पानी धार। उछल कूद कर मौज मनाएँ, बच्चों का है ये संसार। बिचरण करते पंछी जैसे, बचपन एक स्वछन्द उड़ान। …
यादें बचपन की - कविता - हरदीप बौद्ध
जब हम बच्चे थे, वो पल बहुत अच्छे थे। रो-रोकर स्कूल को जाते, हँसते हुए वापस आते। होता था अवकाश जिस दिन, खेल-कूद में सारा दिन बिताते। खो…
वो रिश्ता जो छोड़ आया था - संस्मरण - भगवत पटेल
ज़िन्दगी बहुत बोलती है हमेशा कुछ न कुछ पाने की ख़्वाहिश में जितना पाती नहीं उतना छोड़ देती। चूंकि मेरा सेवा निवृत्त का समय नज़दीक है और …
वो बारिश का दिन - त्रिभंगी छंद - संजय राजभर "समित"
वो बारिश का दिन, रहे लवलीन, काग़ज़ी नाव, अच्छे थे। हम बच्चों का दल, देखते कमल, लड़ते थे पर, सच्चे थे। लड़कपन थी ख़ूब, कीचड़ में सुख, समय…
प्रेम की पहली ग़ज़ल - गीत - प्रीति त्रिपाठी
रुक गई है लेखनी और नेत्र मेरे हैं सजल, याद आई है मुझे प्रेम की पहली ग़ज़ल। हाँ, तुम्हारी धूप से आरक्त मेरा रूप था, मुग्ध हो तुमने कहा कि…
गुज़रे हुए लम्हे - कविता - अतुल पाठक "धैर्य"
मुस्कुराता हुआ चेहरा उसका जब क़रीब से देखा था, हुआ शादाब दिल जो खिल उठा था। गुज़रे हुए लम्हे फिर लौटकर तो नहीं आते, पर यादों का कारवाँ ह…
याद आती है उन पलों की - कविता - मनोज बाथरे
आज के समय में उन पलों की याद बहुत आती है, जो पल हमारे जीवन में आके हमसे बहुत दूर चलें गए हैं। आज हम चाहकर भी उन पलों को सिर्फ़ याद…
तेरी याद में - गीत - प्रशान्त "अरहत"
मेरा मन जैसे सागर का तल बन गया, वो तेरी याद में ही मचलता रहा। मैं खुले आसमाँ के तले देर तक, अपनी छत पर अकेला टहलता रहा। मैं तुम्हें छो…
जब यादें उनकी आती - गीत - प्रवीन "पथिक"
जब यादें उनकी आती, आँखें-आँसू भर लाती। थी जब साथ वो मेरे, रहता दुःख अधिक घनेरे। आँखों में सपनें उनके, लेकर ख़ुशियाँ बिखेरे। डूबकर ये का…
फ़ुरसत के कुछ पल - कविता - ममता रानी सिन्हा
हैं फ़ुरसत के कुछ पल क्या, अब भी तुम्हारे पास मेरे लिए, मेरी कुछ इंतज़ार करती शामें, खड़ी हैं अब भी तुम्हारे लिए। याद है अब भी तुमको क्या…
सतरंगी यादें - ग़ज़ल - प्रदीप श्रीवास्तव
सतरंगी तेरी याद ने कल रात जब छुआ, मैं खो गया ख़्वावों में तेरे जाने क्या हुआ। मैं आज जिस मुकाम पर हूँ ऐ मेरे सनम, सब है कमाल प्यार का त…
जब तेरी याद आती है - गीत - प्रवीन "पथिक"
जब-जब आँखें नीर बहाए, सपनों में तुझको न पाए। यही सोचकर घबराए, कि तू उससे कहीं दूर न जाए। हृदय ये भाव जगाती है, जब तेरी याद आती है। इश्…
बचपन की याद - कविता - समय सिंह जौल
ऐसी थी बचपन की याद। चूल्हे की रोटी लगती थी स्वाद।। गऱीबी का भी नहीं, होता था अहसास। माँ की ममता, पिता का प्यार था पास।। दादाजी की परिय…
स्मृति के झरोखे से - लघुकथा - रिंकी कमल रघुवंशी "सुरभि"
शादी के बारह वर्ष बाद पति और बच्चों के साथ पहली बार होली मनाने मामा के घर आई रमा की नज़र एक खिड़की पर जा टिकी और अतीत की खुशनुमा स्मृति…
दीया याद का तुम जला लेना - कविता - गोपाल मोहन मिश्र
कहीं जब साँझ ढ़ले, दीया याद का तुम जला लेना! सुनसान सी राहों पर, साँस जब थक जाए, पथरीली इन सड़कों पर, जब चाल लड़खड़ाए, मृत्यु खड़ी हो …
मुझे सब याद है - कविता - प्रवीन "पथिक"
मुझे सब याद है! तपती ज़िन्दगी की उदास दोपहर में; तुम गुलाब की सुगंध की तरह; मेरी हृदय में समाई थी। अपने अलकों को बिखराई थी; कुछ सुगंधि…
धूमिल की याद - कविता - विनय "विनम्र"
यह कविता कवि 'धूमिल जी' (सुदामा पाण्डेय जी) को सादर समर्पित है। समाज की सच्चाईयों से शासन को ललकारने वाले शब्द रथि। जौनपुर जिल…
फिर एक बार - कविता - डॉ. विजय पंडित
एक बार वहीं से फिर शुरुआत करना चाहता हूँ, फिर एक बार मैं वही पुराने दिन जीना चाहता हूँ। दोस्तों के साथ कभी शुरू किया था जो सफ़र, संघर्ष…