संदेश
सावन की बरसात - गीत - गाज़ी आचार्य "गाज़ी"
आया बरसात का मौसम झूमले, बादल आए झूम झूमके और बादलों को चूमले। ऋतु बदली गया ज्येष्ठ आषाढ़ साल का था इंतज़ार माह बदले और आए सावन झूमके…
काले मेघ अब बरस जाओ - कविता - सुधीर श्रीवास्तव
आसमान में लुका छिपी का खेल अब और न करो, हमारी उम्मीदों पर अब आरी न और चलाओ। हे काले मेघ तरस खाओ बस एक बार जमकर बरस जाओ, धरा की प्यास …
प्यासी धरा - कविता - महेन्द्र सिंह राज
घनघोर घटा मड़राई अम्बर में बादल छाए, करते हैं आँख-मिचौनी जब इधर उधर को धाए। बादल की आँख-मिचौनी अब देख धरा हरषाए, वारिद मिलने को आतुर …
बरसो मेघा प्यारे - कविता - रमाकांत सोनी
तपती रही दोपहरी जेठ की, आया आषाढ़ का महीना। धरा तपन से रही झूलसती, सबको आ रहा पसीना। कारे कजरारे बादल सारे, घिर कर बरसो मेघा प्यारे। क…
मेरी ख़बर दे आओ - कविता - बजरंगी लाल
सावन की काली घटाओं सुनों, अम्बर में बहती हवाओं सुनों, उसके आँगन में जा बरसाओ रे! मेरी कुछ तो ख़बर दे आओ रे! आसमाँ में विचरतेे चाँद सुनो…
जीवन की कड़ियाँ कितनी सुनहरी - गीत - डॉ. शंकरलाल शास्त्री
बारिश की झड़ियाँ कितनी सुनहरी, जीवन की कड़ियाँ कितनी सुनहरी। ख़ूबी बनी जो बारिश की बूँदें, रचना बनी जो अमृत की बूँदें, गीतों का ज़रिया …
आषाढ़ के बादल - कविता - रमाकांत सोनी
उमड़-घुमड़ कर आ गए आषाढ़ के बादल, अंबर में घिर छा गए आषाढ़ के बादल। रिमझिम मूसलाधार बरसता घनघोर घटा छाए, कड़-कड़ करती दामिनी काले बदर…
वो बारिश का दिन - त्रिभंगी छंद - संजय राजभर "समित"
वो बारिश का दिन, रहे लवलीन, काग़ज़ी नाव, अच्छे थे। हम बच्चों का दल, देखते कमल, लड़ते थे पर, सच्चे थे। लड़कपन थी ख़ूब, कीचड़ में सुख, समय…
बरसो बरखा रानी - कविता - प्रीति बौद्ध
कारे कारे बदरा आसमान में छाए, कानन नाचे मयूर, मन मेरा हर्षाए। धरती की प्यास बुझाए बारिस का पानी, स्वागत है वर्षों से, बरसो बरखा रानी। …
ये बदरा - कविता - अंकुर सिंह
बिछा धरा पर जल के मोती, हमको घन ठंडक दे जाते। कभी तेज़ बारिश अरु रिमझिम, बरस जलद हरियाली लाते।। दूर-दराज़ से पानी लाकर, गरज तड़क बरसा जा…
भावनाएँ बारिश की - कविता - सुधीर श्रीवास्तव
ये भी अजीब सी पहली है कि बारिश की भावनाओं को तो पढ़ लेना बहुत मुश्किल नहीं समझ में भी आ जाता है, पढ़कर समझ में भी आता है। परंतु भावनाओं …
बरसात - कविता - नूरफातिमा खातून "नूरी"
उमड़-घुमड़ कर बादल आए, काले-काले बादल छाए। कड़-कड़ बिजली कड़कने लगी, धरती मानो फड़कने लगी, पक्षी दुबक गए घोंसलों में, जान आई नई कोंपलो…
सावन की है पहली बारिश - कविता - राजकुमार बृजवासी
सावन की है पहली बारिश मोरनी बन जाऊँ मैं, रंग बिरंगी पंख लगा के अंबर में उड़ जाऊँ मैं। सावन की है पहली बारिश मोरनी बन जाऊँ मैं।। कोयल क…
प्रकृति संरक्षण - गीत - संजय राजभर "समित"
सुन बदरा रे! हैं विकल जीव सारे, शिथिल सब थके हारे। तप्त हलक अधरा रे ! सुन बदरा रे! सूखे ताल-तलैया, अब कौन ले बलैया? है लू का पहरा रे…
बादल - कविता - महेन्द्र सिंह राज
बरस जाता सावन में काश, कृषकों की पूरी होती आस। घुमड़ते भूरे जो बना के दल, नील गगन में, कहते बादल।। बादल जीवन की आशा हैं, ना बरसे तो जी…
बरसो रे बरसात - दोहा छंद - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
दावानल है दहक रहा, भू जलती दिन रात। नील गगन छाई घटा, बूँद बूँद बरसात।।१।। मन मयूर नर्तन कृषक, देख घटा नीलाभ। सलिल बिन्दु रिमझिम धरा, न…
प्यार का मौसम आ गया - ग़ज़ल - मोहम्मद मुमताज़ हसन
आओ के प्यार का मौसम आ गया, बारिश-ए-बहार का मौसम आ गया! फ़ज़ा में बिखरी है खुशबू-ए- मिट्टी, गुल-ए-गुलज़ार का मौसम आ गया! नए पत्तों…
बरसात - कविता - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
छायी नभ में घनघोर घटा , मानो नभ के घुंघराले जटा, गर्जन कर चमक रही बिजुरी नीलाभ बरसती ये बरसा। है सजी धजी नव यौवन सी, है असरद…
बारिश - कविता - आलोक कौशिक
कल रात जब वो आई थी घर मेरे तब होने लगी थी बेमौसम बारिश सिर्फ़ संयोग था बादलों का बरसना या थी कुदरत की वह एक साज़िश मिली थी वह…
बारिश - कविता - मधुस्मिता सेनापति
यह बारिश का मौसम यह बारिश का पानी आज याद आती है वह बचपन की कहानी वो यादें आज जो भले ही हो गया हूं पुरानी फिर भी बारिश की वह यादें…
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