प्रेम वृक्ष - क्षणिकाएँ - रमेश धोरावत

(१)
कब हरा रहा
प्रेम वृक्ष..?
जिसमें "समर्पण" की 
जड़ें नहीं होती।

(२)
कब फ़ूटे प्रेम वृक्ष के
"कोंपल" ?
जिसको प्रेम ऋतु ने
झांका नहीं।

(३)
कब हुई प्रेम वृक्ष की 
"वृद्धि " ?
जिसका पोषण 
प्रेम तत्व नहीं रहें‌।

रमेश धोरावत - कारोला, सांचौर (राजस्थान)

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