संदेश
दोषी तेरे मौन अधर - कविता - लालता प्रसाद
दोषी तेरे मौन अधर, जो तेरी कहानी कह ना पाए। सुनने को ये कर्ण है व्याकुल, सुने बिना जो रह ना पाए। नैनो में नींदे जगती है, सपनों में भी …
फूल मत फूलन बनो तुम - कविता - प्रशान्त 'अरहत'
मैं नहीं कहता कभी ये कामिनी, कमनीय हो तुम! या सुमुखि मानो गुलाबों की तरह रमणीय हो तुम! तुम वही हो जो कि चढ़कर के हिमालय जीत लेतीं। तुम …
करवा चौथ - कविता - आर॰ सी॰ यादव
अमिट अखंड सुहाग रहे, कर चूड़ा-सिंदूर साथ रहे। आभा मुखमंडल-विपुल ख़ुशी, नवयौवन सा सिंगार रहे॥ माथे बिंदिया चमके हरदम, पाँवों में पायल की…
करवा चौथ - कविता - रमाकांत सोनी 'सुदर्शन'
तेरे प्यार में पागल फिरता, सारी दुनिया घूमता, नाम तेरा ले लेकर मैं, हर डाली पत्ता चूमता। प्यार तेरा पाकर खिलता, चमन मेरे घर बार का, दि…
मैं सुहागन तेरे कारण - गीत - आशीष कुमार
मैं सुहागन तेरे कारण तेरे कारण ओ सजना जो तू नहीं तो फिर क्या ये बिंदी क्या कंगना मैं सुहागन तेरे कारण तेरे कारण ओ सजना। जब से तेरा साथ…
करवा चौथ - कविता - डॉ॰ रोहित श्रीवास्तव 'सृजन'
पति-पत्नी का पावन त्यौहार, व्रत रखकर किया सोलह शृंगार। चौथ माता से कामना करती वो, पति को छू न सके मृत्यु का वार। प्रेम त्याग समर्पण श्…
करवा चौथ का चाँद - कविता - अर्चना मिश्रा
यूँ तो तुम रोज़ मेरी मुँडेर पर आकर दस्तक देते हो, रोज़ तुमसे ढेरों बातें भी होती हैं। पर आज की बात कुछ ख़ास है, आज मेरा भी रंग तुम्हा…
मुझे साथ रहने दो - कविता - संजय कुमार चौरसिया
कश्ती डूब जाने दो, किनारा साथ रहने दो। समन्दर सूख जाने दो, रेत के साथ बहने दो। न आया बसंत तो जाने दो, पर पतझड़ साथ रहने दो। कली झुलस ग…
कर दो - गीत - सिद्धार्थ गोरखपुरी
प्रश्न माना है कठिन पर इसका भी समाधान कर दो। प्रेम पाश में उलझ-उलझ कर, जकड़ गया है तन-मन सारा। मोह और मोहब्बत में बस, उलझ गया है जीवन स…
यहाँ पहले कभी ऐसा कोई मंज़र नहीं देखा - ग़ज़ल - आयुष सोनी
अरकान : मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन तक़ती : 1222 1222 1222 1222 यहाँ पहले कभी ऐसा कोई मंज़र नहीं देखा, कि मैंने आसमाँ दे…
हाइकु - श्याम सुन्दर अग्रवाल
1. सुख का भय खोने का, आ ना जाए दुःख का भय। 2. मेरी कमी को ताक़त मिलती है तेरी कमी से। 3. चीज़ है 'वह' मानने की, जानने की है ना &…
कविता एक क्रांति - कविता - राजेंद्र कुमार
कविता केवल शब्द नहीं, ये शब्दो की है क्रांति। इतिहास पुराना है इसका, लोगों में मिटाती भ्रांति॥ पंक्तियाँ होती छोटी-छोटी, पर नीव हिलाने…
शरद पूर्णिमा - कविता - सुषमा दीक्षित शुक्ला
तपस्विनी के ओजस मुख सा, अद्भुत शीतल शरद चन्द्र है। पावस की घनघोर घटा संग, शशि सँग आया आज इन्द्र है। बरखा रानी नाच-नाच कर, सुख दुः…
कुछ तो है - कविता - प्रवीन 'पथिक'
कुछ तो है! जो ज़िंदगी के थपेड़ो के बीच, बहाती कई ज़िंदगियाँ। भर देती एक तड़प ,निराशा और अंतर्द्वंद्व का, महासागर। जीवन की गोधूली में, न…
मनभावन पूर्णिमा - कविता - रविंद्र दुबे 'बाबु'
चटक चाँदनी चंद्र किरणें, शुक्ल आश्विन की पूर्णिमा, सिंगार राधिका कृष्ण को अर्पित, प्रेम का महारास है पूर्णिमा। शरद ऋतु का मोहक चाँद, व…
शरद पूर्णिमा - गीत - अभिनव मिश्र 'अदम्य'
यह शरद पूर्णिमा का शशांक, खिल गया तीव्र लेकर उजास। पावन बृजभूमि अधीर हुई, यमुना की लहरों में हलचल। हो गया दृश्य रमणीक रम्य, खिल उठे सर…
शरद पूर्णिमा - कविता - रमाकांत सोनी 'सुदर्शन'
चंद्र रश्मियाँ बरसाती अमृत रस की धार, शरद पूर्णिमा है बड़ा पावन हिंदू त्योहार। धर्म-कर्म संग आस्था इष्ट पर विश्वास, पूर्ण चंद्र पूर्ण …
कन्या भ्रूण हत्या - कविता - सुषमा दीक्षित शुक्ला
ऐ जग वालों! ये दर्द हमारा, रो रोकर तुम्हें सुनाती हूँ। गर्भस्थ शिशू कन्या निरीह, संसार त्याग मैं जाती हूँ। ऐ मानव! तू तो दानव है, केवल…
चिट्ठी - कविता - अखिलेश श्रीवास्तव
दूर बसे अपने लोगों की, ख़ैर-ख़बर लाती थी चिट्ठी। पोस्टमैन घर-घर में जाकर, पहुँचाते थे सबकी चिट्ठी॥ अपने लोगों की यादों को, सँजोकर रखती थ…
तुम्हारा कुछ सामान - कविता - ज्योत्स्ना मिश्रा 'सना'
तुम्हारा कुछ सामान मैंने पास रखा है, ना माँगना वापस तुम न लौटा पाऊँगी कभी। कैसे लौटा सकती हूँ वो मफलर जिसमें आज भी तेरी भीनी सी ख़ुशबू …
वो धूप अच्छी थी - कविता - अमृत 'शिवोहम्'
वो धूप अच्छी थी, जिसमें किसान के पसीने से, फ़सल लहलहा उठी। वो धूप अच्छी थी, जिसके ढलने पर प्रेम करता पक्षियों का जोड़ा शिकारी की नज़र से…
तोतली ज़ुबान वाला हर्ष - संस्मरण - डॉ॰ शिवम् तिवारी
"तातू, तातू, आ गए मेरे तातू" सर पर बेतरतीब बिखरे बाल, बदन पर पुरानी टी-शर्ट एवं अधफटी नेकर पहने महज़ 5 बरस का बालक हर्ष मुझे …
नव प्रगति शान्ति नव विजय कहूँ - गीत - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
रावण दहन के इतिहास में, मैं दानवता का अंत कहूँ। या पाखंड मुदित खल मानस, कोटि रावण अब आभास करूँ। परमारथ सुख शान्ति लोक में, यश विज…
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