श्याम सुन्दर अग्रवाल - जबलपुर (मध्यप्रदेश)
हाइकु - श्याम सुन्दर अग्रवाल
सोमवार, अक्टूबर 10, 2022
1.
सुख का भय
खोने का, आ ना जाए
दुःख का भय।
2.
मेरी कमी को
ताक़त मिलती है
तेरी कमी से।
3.
चीज़ है 'वह'
मानने की, जानने
की है ना 'वह'।
4.
मैं रहूँ संग
हरदम प्रभु के
छूटे ना संग।
5.
बात ख़ूब की
सबसे, ख़ुद से ना
मुलाक़ात की
6.
आँख लगी थी
भरी दुपहरिया
रात जगी थी।
7.
धूप औ' छाँव
दुपहरी में लागें
शहर-गाँव।
8.
पिया का घर
जिया को भाए करे
जिया में घर।
9.
काहे बतियाँ
बनाओ जी, बिताई
कहाँ रतियाँ।
10.
साँझ उतरी
गगन से धरा पे
लाली बिखरी।
11.
मचाई धूम
तारों ने संग चंदा
के घूम-घूम।
12.
भरी गागरी
लालिमा ले उतरी
संध्या नागरी।
13.
हिमालय की
गोद में हैं बेटियाँ
हिमालय की।
14.
चाय बनाई?
'हाँ' में उत्तर सुना
ताज़गी आई।
15.
पाने की चाह
रख, पर जो मिला
उसे भी चाह।
16.
बड़े रँगीले
कान्हा मेरे, साथ ही
बड़े हठीले।
17.
जो अभिमान
करें, मानते उसे
ही स्वाभिमान।
18.
अक्षय पात्र
'आनन्द' जीवन का
पी छक कर।
19.
नहीं समय
कहने सुनने का
इस समय।
20.
बुरे समय
का बीतना ही होता
अच्छा समय।
21.
अजनबी ही
रहोगे क्या सदा, या
मिलोगे कभी।
22.
रुकता पानी
ना पहाड़ पे, ना ही
रुके जवानी।
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