शरद पूर्णिमा - कविता - रमाकांत सोनी 'सुदर्शन'

चंद्र रश्मियाँ बरसाती अमृत रस की धार,
शरद पूर्णिमा है बड़ा पावन हिंदू त्योहार।

धर्म-कर्म संग आस्था इष्ट पर विश्वास,
पूर्ण चंद्र पूर्ण करें मनोकामना आस।

धवल चाँदनी में रखी खीर सुधारस होय,
कंचन सी काया बने संताप मिटे सब कोय।

शरद पूर्णिमा को करे सत्यनारायण का ध्यान,
ग्रह नक्षत्र अनुकूल हो मिले जग में सम्मान।

मात पिता गुरु की करे सेवा आदर सत्कार,
पुण्य मिले पौरुष बड़े यश कीर्ति दरबार।

शरद पूर्णिमा शीत का आगमन संदेश,
बोल मधुर गीतों का बदल रहा परिवेश।

शरद पूर्णिमा सद्भाव की घट करे उजास,
दमक उठे ललाट सब चेहरे पर विश्वास।

रमाकान्त सोनी 'सुदर्शन' - झुंझुनू (राजस्थान)

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