संदेश
छवि (भाग १६) - कविता - डॉ॰ ममता बनर्जी 'मंजरी'
(१६) सूर्य एक है चंद्र एक है, धरती-अंबर एक है। मानव जाति एक हैं जग में, भिन्न विचार-विवेक हैं।। भिन्न-भिन्न हैं भाषा सबके, संस्कृतियाँ…
शरद पूर्णिमा - कविता - डॉ॰ देवेंद्र शर्मा
दुग्ध धवल सम मधुर चाँदनी, बरस रही है जल थल में, कौन बचा स्नात होने से, अवनि और अंबर तल में। धीमे-धीमे मलय समीरण, करता कोंपल कलि से बात…
हर सम्त इन हर एक पल में शामिल है तू - ग़ज़ल - अमित राज श्रीवास्तव 'अर्श'
अरकान : मफ़ऊलु फ़ाईलुन फ़अल फ़ाईलुन फ़अल तक़ती : 221 222 12 222 12 हर सम्त इन हर एक पल में शामिल है तू, हर गीत मेरी हर ग़ज़ल में शामिल है तू।…
शक्तिहीन - लघुकथा - डॉ॰ चंद्रेश कुमार छतलानी
वह मीठे पानी की नदी थी। अपने रास्ते पर प्रवाहित होकर दूसरी नदियों की तरह ही वह भी समुद्र से जा मिलती थी। एक बार उस नदी की एक मछली भी प…
अद्वितीय भारतीय सेना - कविता - डॉ॰ रवि भूषण सिन्हा
जिस देश की सेना का देख अद्भुत साहस, बडे़ से बडे़ दुश्मनों के हौसले पस्त हो जाते हैं। बात हो जब देश के फौजों की जाँबाज़ी का, जो हँसते…
सुमन सुरभित फिर से होंगे - कविता - कमला वेदी
सुमन सुरभित फिर से होंगे, बहारें फिर से आएँगी। मलयानिल फिर बहेगी, चमन फिर से हरा होगा। चिराग़ जलाए रखना, हौसला ना टूटे मन का।। नदियाँ फ…
अपने क़दमों को बढ़ाती हूँ तो जल जाती हूँ - ग़ज़ल - शमा परवीन
अरकान : फ़ाइलातुन फ़यलातुन फ़यलातुन फ़ेलुन तक़ती : 2122 1122 1122 22 अपने क़दमों को बढ़ाती हूँ तो जल जाती हूँ, प्यार की रस्म निभाती ह…
प्यार का क़िस्सा - मुक्तक - रमाकान्त चौधरी
१) मैं अपने प्यार का क़िस्सा सुनाने तुमको आया हूँ, हुआ क्या-क्या मोहब्बत में बताने तुमको आया हूँ। ज़रा तुम गौर से सुनना मोहब्बत के फ़साने…
संघर्ष की ज्वाला - कविता - निकिता मिश्रा
ये ज्वाला यूँ धधकती है, न जाने कितनों को ये सबक़ देती है। सुभाष चन्द्र में भी धधकती एक ज्वाला थी, ये ज्वाला क्रांति के लिए उनमे भड़की थी…
स्याही - कविता - अनूप मिश्रा 'अनुभव'
सबूत देता भी क्या मैं, अपनी बेगुनाही का। उनका इरादा था देखना जब, मंज़र मेरी तबाही का।। वक़्त रक़ीबों का था आया, और मेरा लद चुका था। क़ीमत …
सिर्फ़ तुम से प्यार होना चाहिए - ग़ज़ल - दिलशेर 'दिल'
अरकान : फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन तक़ती : 2122 2122 212 सिर्फ़ तुम से प्यार होना चाहिए, रोज़ आँखें चार होना चाहिए। सात जन्मों का नहीं …
सभी ठीक होगा एक दिवस - कविता - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
हर आपद में रख धीरज पथ, साहस संबल संयम निर्भय, यायावर बन बढ़ो सत्य रथ, ठीक होगा एक दिन समझ। आसान नहीं साफल्य लक्ष्य, हैं दुर्गम पथ…
चावल उबला पीच रहा है - गीतिका - अविनाश ब्यौहार
चावल उबला पीच रहा है, माली पौधे सींच रहा है। क़ातिल सा अंधेरा देखा, एक किरण को भींच रहा है। सूरज ने बादल जब देखा, अपनी आँखें मींच रहा ह…
छूकर मैंने तुझको - कविता - आदेश आर्य 'बसन्त'
मेरा तुझको छूना अपने नयनों से, कोई ग़लती तो नहीं कर दी मैंने। नेत्र नील विशाल जलधि सम देखूँ आँखें, नम तो नहीं कर दी मैंने। तेरा मुझको …
प्रेम करने वाले प्रेमी - गीत - संतोष कुमार
प्रेम करने वाले प्रेमी, पागल होते हैं, वो तो प्रेम रोग से ही, घायल होते हैं। उन्हें क्या ख़बर, कुछ न आए नज़र, वो जाएँ जिधर, कोई न करे क़…
बेटी की बिदाई - कविता - बृज उमराव
आशीर्वचन तुमको प्रेषित, तुम आजीवन ख़ुशहाल रहो। कष्टों का नामोंनिशाँ न हो, दुःख का कोई आघात न हो।। नाज़ों से हर पल पली बढ़ी, खरोंच न तु…
मन - कविता - सूर्य मणि दूबे 'सूर्य'
धरा का धरातल धरा ही रहा, मन आसमानी पवन संग चला। बादलों की हवाई सवारी लिए, बेअन्तक अनन्तक गगन तक चला। निरन्तर खग वृंद विचरते रहे, कुछ त…
बगुले पंख तुम्हारे - गीत - शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली'
कितनी राजनीति खेलेंगे बगुले पंख तुम्हारे? जिजीविषा त्यागी मौनी व्रत एक पैर तन साधे। कोई मीन दिखाई देती खाते कह कर राधे। आज झील कल सरित…
विजयादशमी - कविता - रमाकांत सोनी
हर हाल में हर काल में अभिमानी रावण हारा है, अहंकार का अंत हुआ सच्चाई का उजियारा है। विजयदशमी विजय उत्सव दशहरा पावन पर्व, मर्यादा पुरुष…
जीवन-काया - कविता - सुरेंद्र प्रजापति
अरी माधुरी, तृप्त हो जाते स्वर-रस की, कोमलता से। स्रवण करते नेह के मोती, भू के, करुण शीतलता से। बन्धु, देख लो महाजीवन में नश्वरता के न…
बनता वो सिकंदर - दोहा छंद - नागेन्द्र नाथ गुप्ता
मिलता है हर्गिज़ नहीं, फ़ुर्सत का कुछ वक़्त। पूजा समझें कार्य को, न समय गंवाए व्यर्थ।। करते हैं चिंता बहुत, सिर पे बोझ अनेक। परहित पर उपक…
भूख - कविता - डॉ॰ सिराज
शाम को वापस आना, और कुछ लेते आना। कल से संभाले रखा है इन्हें, समझा-बहला कर। अब और सहा नहीं जाता, बीमारी में भूख को। देखो इनकी आँखें धस…
आईना - कहानी - अंकुर सिंह
"बेटा सुनील, मैंने पूरे जीवन की कमाई नेहा की पढ़ाई में लगा दी, मेरे पास दहेज में देने के लिए कुछ भी नहीं है।" शिवनारायण जी न…
मेरा परिवार मेरी आन - कविता - अर्चना कोहली
संस्कारों के माणिक्य से सुंदर परिवार बनता है, त्याग-विश्वास डोर से प्यारा घर-संसार बनता है। परिवार से मिलती है वट वृक्ष-सी मज़बूत छाँव…
पति पत्नी का प्रेम - कुण्डलिया छंद - विशाल भारद्वाज 'वैधविक'
जीवन की सारी व्यथा, का रहता है तोड़। पति पत्नी का प्रेम ही, है ऐसा गठजोड़।। है ऐसा गठजोड़, प्रेम हैं सदा निभाते। प्रेम रहे जब साथ, प…
साहित्य रचना कोष में पढ़िएँ
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर