विशाल भारद्वाज 'वैधविक' - बरेली (उत्तर प्रदेश)
पति पत्नी का प्रेम - कुण्डलिया छंद - विशाल भारद्वाज 'वैधविक'
बुधवार, अक्टूबर 13, 2021
जीवन की सारी व्यथा, का रहता है तोड़।
पति पत्नी का प्रेम ही, है ऐसा गठजोड़।।
है ऐसा गठजोड़, प्रेम हैं सदा निभाते।
प्रेम रहे जब साथ, प्रेम ही हैं वो पाते।।
घूमे मथुरा धाम, और वृंदावन निधिवन।
करते प्रेम अपार, आनंदमय हो जीवन।।
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