अद्वितीय भारतीय सेना - कविता - डॉ॰ रवि भूषण सिन्हा

जिस देश की सेना का देख ‌अद्भुत साहस, 
बडे़ से बडे़ दुश्मनों के हौसले पस्त हो जाते हैं।
बात हो जब देश के फौजों की जाँबाज़ी का, 
जो हँसते हुए अपने प्राण ‌न्योछावर कर जाते हैं।
दुनिया में जन्म लेने वाला ऐसा योद्धा तो सिर्फ़,
भारत माँ के अनमोल कोख से ही पैदा होते हैं।।

दुनिया के जल, थल ओर वायु सेनाओं के वीरों में,
जो हरदम अपनी वीरता का परचम लहराते हैं।
दुश्मनों को आकाश, पाताल और सागर से भी, 
ढूँढ़ कर उनको आख़िरी अंजाम तक पहुँचाते हैं।
दुनिया में ऐसा अद्वितीय सेना कहीं और का नहीं, 
वो तो सिर्फ़ और सिर्फ़ भारत माँ के लाल होते हैं।।

वक़्त पड़ने पर लाचारों को भी ख़ूब सहारा देते हैं, 
अपनी जान की बाज़ी लगा दूसरों के जान बचाते हैं।
दुश्मनों को सीमा पर तो ख़ूब मुँह तोड़ जवाब देते हैं,
समय पड़ने पर उनको उनके घर में घुस मार आते हैं।
मानवता से ओत-प्रोत देशभक्त वीर योद्धा तो सिर्फ़, 
भारत के भूमि में ही पलते, फूलते और बड़े होते हैं।।

जिस देश में सेनानी बनने पर लोग हर्ष से इठलाते हैं, 
माता-पिता ऐसे सपूतो पर गौरवान्वित महसूस ‌करते हैं।
जिस देश में योद्धाओं में लड़कियों का भी इतिहास रहा,
फिर नारी सेना इतिहास बनाएगी ऐ सब स्वीकार करते हैं।
जिस देश में नर-नारी दोनों हर क़दम पर‌‌ समान चलते हैं, 
उस भारत के सेना की वीरता को दुनिया सलाम करती है।।

डॉ॰ रवि भूषण सिन्हा - राँची (झारखंड)

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