संदेश
ट्रेन - कविता - शुभोदीप चट्टोपाधाय
ट्रेन की तेज़ रफ़्तार और मष्तिस्क की तेज़ गति दोनों को रू-ब-रू रखा आँख मूँदते ही मानो दोनों गहरे दोस्त बन गए मेरे आँखों को सब धीमा धीमा…
तुम्हें ग़ुरूर है किस पर - कविता - कार्तिकेय शुक्ल
तुम्हें ग़ुरूर है किस पर अपने यौवन पर? ढल जाएगा यौवन एक दिन। तुम इतराते हो किस पर अपने ज़ुल्फ़ों पर? पक जाएँगी ज़ुल्फ़ें एक दिन। तुम्हें ना…
वक़्त की आवाज़ - गीत - रमाकांत सोनी
वक़्त की आवाज़ है ये, समय की पुकार भी। तोड़े नियम सृष्टि के, नर कर लो स्वीकार भी। चीरकर पर्वत सुरंगे, सड़के बिछा दी सारी। वृक्ष विहिन…
ये कैसी है कशिश जिसमें इक सुखन ढूँढ़ती हूँ मैं - ग़ज़ल - रेखा श्रीवास्तव
अरकान : मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन तक़ती : 1222 1222 1222 1222 ये कैसी है कशिश जिसमें इक सुखन ढूँढ़ती हूँ मैं, मिले जहाँ दिल…
मानवता का पतन - कविता - आशीष कुमार
शर्मसार हुई माँ वसुंधरा पाप पुण्य से आगे बढ़ा, क्षत-विक्षत हुआ कलेजा आँचल होने लगा मैला। कामी लोभी क्रोधी घमंडी एक चेहरे पर कितने मुखौ…
बरगद और बुज़ुर्ग तुल्य जगत - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
युवाशक्ति आगे बढ़े, धर बुज़ुर्ग का हाथ। बदलेगी स्व दशा दिशा, देश प्रगति के साथ।। बरगद बुज़ुर्ग तुल्य जग, स्वार्थहीन तरु छाव। आश्रय किसलय …
नदी - कविता - राजेन्द्र कुमार मंडल
न इर्ष्या-द्वेष, न अभिमान की धारा है, हर्षित हैं सर्व प्राणी वहाँ, जहाँ-जहाँ तूने पाँव पसारा है।। रोम-रोम धरा का पुलकित, प्राणी मिटाते…
नारी जीवन - गीत - शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली'
ओ नारी! तुम दिव्य धरा में अविरल करूँ तुम्हारा वंदन। ममता की प्रतिमूर्ति मनोरम ओ! माता की करुण कहानी। पयशाला का भार लिए उर सजल नयन से झ…
मिलने तुम आ जाना - कविता - अंकुर सिंह
नित्य नए षड्यंत्र देख, कब तक ख़ामोश रहूँ मैं? देख ज़ुल्म अन्याय को, कब तक इन्हें सहूँ मैं? अपने अनकहे दर्द को मैंने, बयाँ किया ना लफ़्ज़ों…
पिता ही करता ऐसा काम - कविता - डॉ॰ रवि भूषण सिन्हा
चुप रह कर जो हर पल सोचे, मौन रहकर करे सब काम। सामने वाला जान भी न पाए, करे उसके हर ज़रूरतों का इंतज़ाम। ऐसा करने वाला कोई और नहीं, सिर्फ…
छवि (भाग १३) - कविता - डॉ॰ ममता बनर्जी 'मंजरी'
(१३) वर्ष हज़ारों बीत गए अब, आया नूतन काल है। रहन-सहन मानव का बदला, बदल गई अब चाल है।। विविध धर्म और जातियों में, जीवात्मा गण बँट गए। ज…
आओ दिनकर - कविता - सुरेंद्र प्रजापति
आओ दिनकर, फिर सत्ता से जनता का कठोर, सवाल करो। हताशा, क्षोभ, विपदा के आँसू, पोछो मत, एक हुंकार भरो। ओज, किरण, ऊष्मा का नेता चेतना का, …
तेल और बाती - कविता - डॉ॰ मीनू पूनिया
जग प्रसिद्ध दीपक की नहीं, यह है तेल और बाती की दर्द भरी कहानी, अस्तित्व जिसका सदियों से गुमशुदा, सब्र से सुनो आज तुम मेरी ज़ुबानी। बच…
वृद्ध जनों की करो हिफ़ाज़त - कविता - सुषमा दीक्षित शुक्ला
धरती और गगन के जैसे, वृद्ध जनों के साए हैं। इन बूढ़े वृक्षों की हम सब, पल्लव नवल लताएँ हैं। इनके दिल से सदा निकलती, लाखों लाख दुआएँ हैं…
नशा करे चेतना शून्य - कविता - सुधीर श्रीवास्तव
क्षण भर के आनंद के लिए अपना ही नहीं अपने परिवार का भी जीवन तो मत बिगाड़िए, तन का नाश, मन का विनाश चेतना को शून्य की ओर तो मत ढकेलिए। सब…
बचपन - कविता - डॉ॰ उदय शंकर अवस्थी
कभी रूठ के तेरा जाना मुस्कुराना आना फिर पलट के हँसना खिलखिलाना और मचलना रोना आँसू बहाना कभी मीठी न्यारी प्यारी बातों से मन को गुदगुदान…
तन्हा ग़ज़ल - ग़ज़ल - समीर द्विवेदी नितान्त
अरकान : फ़ेलुन फ़अल तक़ती : 22 12 तन्हा ग़ज़ल, कितनी विकल। वीराँ महल, क़िस्मत का फल। दस्तूर से, यूँ मत निकल। दुनिया नहीं, ख़ुद को बदल। ख़ुद स…
पहन लिए नए-नवेले कपड़े फिर से - कविता - अशोक बाबू माहौर
और ये पेड़ों की हरी भरी पत्तियाँ झूमने लगीं बाग बग़ीचे फूल अनेक रंग बिरंगे महक उठे भँवरे तितलियाँ मँडराने लगे, गाने लगीं हरित घास नए पु…
छवि (भाग १२) - कविता - डॉ॰ ममता बनर्जी 'मंजरी'
(१२) हे पार्थ प्रतिम! तुम देख रहे जो, वही सत्य है जान लो। आश्चर्यचकित मत हो प्यारे, तत्व-ज्ञान संज्ञान लो।। परम् धाम मैं अखिल विश्व का…
स्वच्छता - कविता - विनय विश्वा
पेड़-पौधे, जीव-जन्तु इन सबमें है एक प्राणी बड़ा मानव है जिसका नाम पड़ा। विविध आयामो को लेकर पेड़ मानव से बोला स्वच्छता का मैं सबसे बड़ा सिम…
गीत-ओ-नज़्में लिख उन्हें याद करते हैं - ग़ज़ल - अमित राज श्रीवास्तव 'अर्श'
अरकान : फ़ाइलुन फ़ाईलुन फ़ेलुन फ़ेल फ़ाईलुन तक़ती : 212 222 22 21 222 गीत-ओ-नज़्में लिख उन्हें याद करते हैं, चाय की सोहबत में दिल को शाद करते…
श्राद्ध व तर्पण - कविता - सीमा वर्णिका
माह भादप्रद पितृपक्ष काल, श्राद्ध तर्पण करते हर साल। स्वपूर्वजों का ऋण चुकाते, सद्कर्मों से काटे पाप जाल।। श्रद्धा भाव से जन करते तर्…
गौरैया के अंडे - कविता - अभिषेक मिश्रा
गौरैया के नीले अंडे इनमे छिपी हुई नन्ही से सी जान बड़े दिनों बाद शायद मुद्दतों बाद, उस चिड़िया ने सहेज का रखे थे ऊँचे अटारी पर इस उम्…
प्यासी है प्यास - नवगीत - अविनाश ब्यौहार
है अथाह जलराशि प्यासी है प्यास। ज्वार भाटा सौंदर्य है सागर का। दुःख सुनता कौन छूछी गागर का।। नखत हैं फिर भी सूना सा आकाश। चक्षु में आँ…
तलाश - कविता - अर्चना कोहली
हताशा से दिल क्यों भारी है, निराशा से क्यों की यारी है। क्यों खोया है तुमने आस को, क्यों इच्छा अपनी मारी है।। पता नहीं कौन-सी उलझन है,…
साहित्य रचना कोष में पढ़िएँ
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर