पन्द्रह अगस्त - मुक्तक - शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली'

पन्द्रह अगस्त की पावन वेला झण्डा गृह फहराओ,
वीर शहीदों की समाधि में जा घृत दीप जलाओ।
उठो 'अंशुमाली' बोलो तुम जय-जय भारत माता–
अखण्डता की वलि-वेदी में जाकर शीश चढ़ाओ।

शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली' - फ़तेहपुर (उत्तर प्रदेश)

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