संदेश
परछाई - कविता - प्रियंका चौधरी परलीका
कभी कभी सुकुन देती हैं, अपनी परछाई देखना परछाई से बातें करना । कुछ बातें… जो हमारे दिमाग में होती है , दिल कहने नहीं देता । …
मैं और मेरा मन - कविता - श्रीकान्त सतपथी
जब जब भी देखा उसको क्यों दिल में हलचल सा होने लगा ख़्वाबों खयालों के मेले में क्यों बैचैन दीवाना सा होने लगा जो कुछ चाहा, सब है…
बड़ी कला है दुश्मन को दोस्त बनाना - लेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला
यह अपने आप में एक बहुत बड़ी कला है। प्रेम दुनिया की सबसे बड़ी ताकत है और बैर सबसे बड़ी संहारक शक्ति। यूँ तो दोस्ती और दुश्मनी में …
कहाँ मिलेगी वो - कविता - प्रवीन "पथिक"
जिसकी आँखो की तलाश रहे। जिसका जीवन को प्यास रहे। ख़्वाबों में मिलकर मुझे; सताती है जो, कहाँ मिलेगी वो। हर पल रह…
ज़ख्म देती रही ये दुनिया मुझको - ग़ज़ल - मोहम्मद मुमताज़ हसन
हमने जारी ये सिलसिला रक्खा आपसे हर- वक़्त राब्ता रक्खा क़रीब और क़रीब होता रहा था मैं उसी ने जाने क्यूँ फासला रक्खा क़दम-क़दम पे ठ…
पिता - कविता - कपिलदेव आर्य
पिता धरती पर ख़ुशियों का फ़रमान है, पिता का साया नहीं हो, वो घर बेजान है! जिनके सरों पर पिता नामका आसमान है, उनके लिए दुनिया में…
करो कृष्ण प्रातः स्मरण - दोहा - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
भज रे मन श्रीकृष्ण को, जो हरि परमानन्द। भवसागर से पार हो, खिले भक्ति मकरन्द।।१।। जय बोलो गोविन्द की, दामोदर अभिराम। करो कृष्ण …
आदमीयत - कविता - सुधीर कुमार रंजन
मैं आदमी हूँ, मुझे आदमी ही रहने दो। क्यों मुझे बांधना, चाहते हो, अपने जंजीरों में? मत चस्पा करो, अपनी पहचान, मुझ पर, तुम्हार…
अखंड हिन्दुस्तान - गीत - संजय राजभर "समित"
रग-रग में है भाव भरा अखंड हिन्दुस्तान का। मानचित्र दिल दिमाग में रहता हिन्दुस्तान का।। उत्तर में खड़ा हिमालय, देखो सीना तान के …
अन्तिम विदायी - गीत - बजरंगी लाल
फूल माला से जिसको सजाया था मैं, करके शादी जिसे घर पे लाया था मैं, बनके जीवन की मेंरे वो साथी रही, मेंरे सुख-दु:ख के पल की वो भाग…
नन्हीं चिड़िया - मुक्तक - रवि शंकर साह
मेरे आँगन में आ गिरी एक दिन एक नन्हीं सी, सुंदर सी चिड़िया। खून से लतपथ, करती छटपट। पैरो में बंधी थी रेशम की डोर । पीड़ा से थी अत…
पैसा - कविता - सौरभ तिवारी
पैसे से ही नाम है पैसे से सम्मान पैसा जिसके पास है उसका है गुणगान । बिन पैसे के तू हुआ पैसा हुआ तो आप । पैसे से निर्मल बने …
सुख - दुःख का मोल - गीत - महेश "अनजाना"
सुख दुःख के तराजू में, जीवन को बस तोल रे....! सुख दुःख के बिना नहीं जीवन का कोई मोल रे....! सुख का आनंद तो मिले जब दुःख में तप…
अपनी सफलताओं से कैसे खुश रहें? - लेख - सुनीता रानी राठौर
खुश रहना जीवन का चरम पहलू नहीं बल्कि बुनियादी पहलू है। मन अभिमान से नहीं आत्मविश्वास से भरा हो तब हम सदैव कुछ न कुछ नए कार्य करने…
हनुमत स्तुति - त्रिभंगी - प्रशांत अवस्थी
हे हनुमत प्यारे, जग रखवारे, नाम उचारे, आ जाओ। संकट गहराया, मन घबराया, तुम्हें बुलाया, आ जाओ। शोकनिवारणाय, लोकपूज्याय, रामभक्ताय, भ…
संकल्प शक्ति - लेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला
संसार की सफलताओं का मूल मंत्र उत्कृष्ट मानसिक शक्ति, दृढ़ संकल्प शक्ति ही है। इसी की प्रबलता से संसार में व्यक्ति कोई भी वस्तु प्रा…
हाय रे कोरोना - कविता - अंकुर सिंह
आज मन बड़ा व्याकुल है, कल के चक्कर में आज आकुल हैं। हाय रे कोरोना! हाय रे कोरोना ! तेरे चक्कर में जगत पूरा शोकाकुल है।। पूरे सा…
नित सुभाष अनुबन्ध बनाएँ - मुक्तक - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
भव्य मनोहर चितवन भावन, प्रेमाक्षर नव अंकुर लगाएँ। मधुर सरस लम्हों को पावन, नित सुभाष अनुबन्ध बनाएँ। गंगाज…
मृत्यु - कविता - सुधीर श्रीवास्तव
मृत्यु का क्या? उसे तो आना ही है, जीवन चक्र में मृत्यु ही परम सत्य है। जीवन का हर सत्य बदल सकता है, परंतु मृत्यु की अपनी अट…
जागी हुई आँखो में क्या है - ग़ज़ल - अंदाज़ अमरोहवी
जागी हुई आँखों में क्या है । यानी तेरी यादों में क्या है ॥ सिर्फ खुदा की अज़मत है ये । तेरी - मेरी सांसों में क्या है l उम्र क…
प्रकृति - कविता - प्रवीन "पथिक"
डूबा दिवा अनंत आकाश में, कई आँसू गिरे क्षितिज के पार। याद आया घुमड़ता घन, विरत दर्शनोपरांत संसार। याद आई मधुपों की गुंजार, घुलन…
जय हिन्द - कविता - चन्द्र प्रकाश गौतम
खुश रहो खुश मिजाज रहो जो रहो सिर्फ आज रहो। कल की क्या भरोसा कल किसने देखा है। लोगो के दिलो का सरताज रहो। इन्सानों कि संख्या बढ…
उम्र का झोला - कविता - ममता शर्मा "अंचल"
आज, आज से फिर यह बोला राज़ खुशी का, हँसकर खोला कल की बात न करना प्यारे सोच नयन मत भरो दुलारे कल गुज़रा या आने वाला …
अल्फ़ाज़ों के अफ़सानों में - कविता - अतुल पाठक
ये कविता पंजाब के सबसे लोकप्रिय लेखक अमृता प्रीतम जी को समर्पित हैं। अमृता प्रीतम को पंजाबी भाषा की पहली कवियत्री माना जाता है। …
सफलताओं से खुश रहना सीखें - लेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला
सफलता पाने की इच्छा आप चाहे जिस उम्र में हों, दुनिया के कहीं भी रहते हों या आप के कैरियर का चाहे जो लक्ष्य हो, लेकिन हर किसी के जीव…
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