अपनी सफलताओं से कैसे खुश रहें? - लेख - सुनीता रानी राठौर

खुश रहना जीवन का चरम पहलू नहीं बल्कि बुनियादी पहलू है।
मन अभिमान से नहीं आत्मविश्वास से भरा हो तब हम सदैव कुछ न कुछ नए कार्य करने के लिए जागरूक रहते हैं और हमें सफलता भी प्राप्त होती है। हमारा हृदय भी प्रसन्नचित्त रहता है।

आत्मविश्वास एक ऐसी चीज है जिसमें खुशियां या कहें सफलता चुंबक की तरह खिंची चली आती है और हमें आनंद की अनुभूति होती है।

जीवन में घटित घटनाओं के सकारात्मक पहलू पर अगर आप ध्यान दें तो खुशियां प्राप्त होती है। जीवन में हमेशा कुछ न कुछ नया रचनात्मक कार्य करते रहें। कुछ खास कार्य करने को सोचें। खुशियां आपकी ओर आकर्षित होती जाएंगी और आप खुश रहेंगे।

हमेशा अपने चेहरे पर मुस्कुराहट रखें। माहौल खुशनुमा रहेगा। नकारात्मक सोच, बुराई या बदले की भावना आदि विचारों से दूर रहें। अपने परिवार में खुशियां बांटे। मिलजुल कर बाहर घूमने जाएं। पारिवारिक झंझटों से थोड़ी देर मुक्ति पाकर आनंद लें। मधुर संगीत सुनें। छोटी-छोटी सफलता पर खुश मिजाज रहें। तभी बड़ी सफलता पास आएगी।

हमेशा खुद पर और ईश्वर पर विश्वास रखें। समयानुसार ईश्वर से प्रार्थना और मेडिटेशन जरूर करें। आप हमेशा प्रसन्नचित्त रहेंगे।

निर्णय लें छोटी सी ज़िंदगी है दुखी रह कर खराब नहीं करना है। हर दिन सुबह उठते हीं ठान लें, मुझे खुश रहना है और आज नया कार्य करना है। हमेशा अपनी मंजिल की तरफ एक कदम बढ़ाए इससे आपके हृदय में हमेशा प्रसन्नता भरी रहेगी और आप सफलता पाने के लिए हमेशा उत्सुक और तत्पर रहेंगे। मन भी आह्लादित रहेगा।

सुनीता रानी राठौर - ग्रेटर नोएडा (उत्तर प्रदेश)

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