हनुमत स्तुति - त्रिभंगी - प्रशांत अवस्थी

हे हनुमत प्यारे, जग रखवारे, नाम उचारे, आ जाओ।
संकट गहराया, मन घबराया, तुम्हें बुलाया, आ जाओ।
शोकनिवारणाय, लोकपूज्याय, रामभक्ताय, भयहारी।
करता सत वंदन, असुर निकंदन, काटो बंधन, बलधारी।

दुनिया से हारा, तुम्हें पुकारा, तुम्हीं सहारा, बजरंगी।
शंकर अवतारी, संकट हारी, हरो हमारी, प्रभु तंगी।
मैं ध्यान लगाऊं, महिमा गाऊं, प्रीत कराऊं, इस मन से।
ना देर लगाओ, तुरतहि आओ, कष्ट मिटाओ, अब तन से।

मेरा रखवाला, जग प्रतिपाला, सोटे वाला, है बाबा।
नव निधि का दाता, भाग्य विधाता, जग विख्याता, है बाबा।
जयकार लगाता शीश झुकाता ज्योति जलाता मैं तेरी।
जय हनुमत वीरा जय रणधीरा हरलो पीरा तुम मेरी।

प्रशांत अवस्थी - औरैया (उत्तर प्रदेश)

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