संदेश
उजाले का संचार - कविता - सुनील माहेश्वरी
किसी के लिए प्रेरणा बना, किसी को मार्ग प्रशस्त किया, किसी के जीवन के अँधेरे में, उजाले का संचार किया, किसी के दुःख की घड़ी में, सुख क…
दोस्ती - दोहा छंद - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
जर्जर होते मित्र जग, पले स्वार्थ दुष्कर्म। लोभ मोह ईर्ष्या कपट, भूल दोस्ती धर्म।।१।। मानदण्ड सद्मित्र का, भूले कलि सब मीत। जबतक सा…
बढ़े मान चहुँदिक प्रगति - दोहा छंद - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
गौरव है मुझको वतन, शत शत उसे प्रणाम। बढ़े मान चहुँदिक प्रगति, जन धन यश सुखधाम।। हो शिक्षा सब जनसलभ, स्वस्थ रहे जन गात्र। जाति …
पवन बसन्ती - कविता - सुषमा दीक्षित शुक्ला
ये पवन बसन्ती मतवाली, फागुन आया पीत बसन। राग रंग कुछ मुझे न भाता, जब से मथुरा गया किशन। सपना सा हो गया सभी कुछ, हुई कहानी सी बातें। रह…
प्रकृति - गीत - संजय राजभर "समित"
हरे-हरे औ' पीले-पीले, उपवन सारा अलंकृत है। वृंत-वृंत पर फूल खिले हैं, और समीर सुगंधित है।। मस्त मगन हो बैठी कोयल, मधुरिम कंठ अलाप …
बहुत उकता चुका हूँ मैं - ग़ज़ल - मनजीत भोला
शजर पर मार कर पत्थर बहुत पछता चुका हूँ मैं, समर के साथ इक चिड़िया ज़मीं पे पा चुका हूँ मैं। अमन का हाथ में परचम दिखाई क्यों नहीं देता, ज़…
हिचकी - कविता - रमेश चंद्र वाजपेयी
सुनो सुनो ओ रुकमण रानी मुझे हिचकी आई, किसी ने मुझे याद किया कोई याद करें न करें जिसने किया नेह उसी ने मुझे याद किया। बीते पलो को लेकर …
वफ़ा - ग़ज़ल - सतीश मापतपुरी
माना तुम्हारे प्यार के हक़दार हम नहीं। कैसे कहें वफ़ा में गिरफ़्तार हम नहीं। कश्ती से उतरिये नहीं जी बात मानिए, दरिया के हैं किनारे कि म…
सार्थक पुष्प - कविता - विनय "विनम्र"
तन की भूख प्रबल होती है, फूल की कोमल कलियों से, रास राग के घृणित कुकृत्य और अँधेरी गलियों से। बचपन सड़कों पे सबल समाज का कफ़न ओढकर चलता …
किताब - कविता - निशान्त कुमार सोनी
हर रोज कई किताबों से गुज़रता हूँ, पन्नों को उलटता हूँ, पलटता हूँ, हर बार बात वही होती है, जिसे मैं पढ़ता हूँ, किरदार वही, चेहरे वही, कुछ…
रिश्तों की अहमियत - कविता - विनय "विनम्र"
कुछ रिश्ते तुम कुछ हम सम्हालते हैं, आओ इन रिश्तों को बच्चों की तरह पालते हैं। दुश्वारियों की आँधियों में बिजलियों का शोर है, एक रास्ता…
प्रार्थना - गीत - रमाकांत सोनी
हे परमेश्वर हे भगवान, दीन बंधु हे दया निधान, जगतपति जग पालन कर्ता, संकट मोचन सब दुख हर्ता। सृष्टि नियंता हे गिरधारी, नटवर नागर चक्…
संघर्ष जीत प्रतिमानक नित - कविता - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
है जीवन का सोपान जटिल संघर्ष मार्ग दिग्दर्शक है। आनंद विजय साफल्य समझ संघर्ष पूर्ण यायावर है। संघर्ष बिना औचित्य कहाँ, आनंद नीरस विरा…
पापा - कविता - अंकुर सिंह
अपने अनुभव से मेरी राह दिखाते पापा, अपने नाम से मेरी पहचान बनाते पापा। दुःख ख़ुद उठा, हमें खूब खुशियाँ देते पापा, धरा पर जिन्हें कहते प…
कर्म पथ - कविता - सुनील माहेश्वरी
ऐ मेरे दोस्त, क्यूँ ढूँढता फिरता तू क़िस्मत अपनी हथेली में, पाँव के टखने और तेरी जी तोड़ मेहनत, से बढकर कुछ नहीं, गर तू कर सकता मेहनत,…
प्रकृति हमारी है - कविता - कवि कुमार प्रिंस रस्तोगी
कितने पेड़-पहाड़ों को निशदिन हाथों से निगला है, हे मानव क्यों विकास के नाम अपनी ही धरा को निगला है, हम सब-मानव उसकी रज मे पलकर इतने…
बेशुमार हादसों से गुज़रा हूँ - ग़ज़ल - मोहम्मद मुमताज़ हसन
बेशुमार हादसों से गुज़रा हूँ मैं! वक़्त से इसलिए सहमा हूँ मैं! लहू लहू जिस्म है रूह के साथ, अहले जवानी झुक सा गया हूँ मैं! मुस्कुराहट ने…
कठपुतली का रंगमंच - लेख - प्रेम प्रकाश बोहरा
हमेशा से ही हम देखते हैं कि बालक के जन्म पर वह ख़ुद रोता है और जब मृत्यु को प्राप्त होता है तो दूसरे लोग रोते है, ऐसे ही इंसान के जन्म-…
एकता की शक्ति - कविता - सुनील माहेश्वरी
मैं हूँ साथ खड़ा तेरे, फिर डरने की क्या बात, हौसला उम्मीद से कर लेंगे, ये नौका भी पार। तू बन तो सही हिम्मत मेरी, कर थोड़ा विश्वास ज़रा, द…
वादाखिलाफ़ी से इनकार बेहतर - आलेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला
वादाखिलाफ़ी कायराना हरकत है। विनम्रता पूर्वक किया गया इनकार झूठे वादों से बहुत अधिक अच्छा होता है। वादाखिलाफ़ी अति निंदनीय कृत्य है, वाद…
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