प्रार्थना - गीत - रमाकांत सोनी

हे परमेश्वर हे भगवान, 
दीन बंधु हे दया निधान, 
जगतपति जग पालन कर्ता, 
संकट मोचन सब दुख हर्ता।

सृष्टि नियंता हे गिरधारी, 
नटवर नागर चक्रधारी, 
माधव मुरली वाले सुन लो, 
आकर हर लो फिर हमारी।

मंझधार में नाव पड़ी है, 
दूर करो संकट की घड़ी है,
कोरोना कहर ढा गया,
लोग दुखी जग रूला गया।

सुख के बादल अब बरसा दो,
खुशियों के अच्छे दिन ला दो, 
कुदरत में अमृत घोलकर,
सुख का सागर आप बना दो।

नेह की गंगा बहाकर,
दीन दुखी को गले लगाकर,
आकर प्रभु संकट हर लो,
विनती अब मंज़ूर कर लो।

तुम तो करुणा के सागर हो, 
कृष्ण गोविंद नटवर नागर हो, 
सारे जगत के तुम रखवाले, 
घट घट वासी प्रेम गागर  हो।

रमाकांत सोनी - झुंझुनू (राजस्थान)

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