संदेश
जय हिन्द जय हिन्द की सेना - आल्हा छंद - सतीश मापतपुरी
नहीं छोड़ना उस कायर को, सीमा पर जो चढ़ा सियार। आर-पार का करो फैसला, मारो खींच गले तलवार।। सबक सिखाना होगा इनको, जो भारत पे करते वार। रणच…
राष्ट्रभक्त गणतंत्र हमारा - कविता - डॉ. राम कुमार झा 'निकुंज'
सारे जहां से अच्छा भारत, उन्मुक्त लहराए तिरंगा। संविधान पावन धर्मग्रन्थ अमर रहे गणतंत्र हमारा।। भारत …
छब्बीस जनवरी - कविता - सुषमा दीक्षित शुक्ला
आई है फिर से देश में, छब्बीस जनवरी। लाई है नव संदेश, ये छब्बीस जनवरी। इस ही पवित्र दिवस को, था लोकतंत्र का मन्त्र सजा। मिले मूलअधिकार …
हे मात भारती तुझे नमन है - कविता - चीनू गिरि
हे मात भारती तुझे नमन है, तुझको फूल चढ़ाते हैं। मातृ भूमि की रक्षा में हम अपना शीश चढ़ाते हैं। हे मात भारती तुझे नमन है जब भी दुश्मन ने …
आज़ाद हिन्दुस्तान - कविता - मधुस्मिता सेनापति
यह ममता भरा देश हमारा सबको प्यारा यह देश मेरा विभिन्नता में एकता जिसका नाम है हमारा देश यह भारत महान है...। अपनी इस देश की रक्षा के लि…
करो तैयारी हिंदुस्तान अब - कविता - कवि कुमार प्रिंस रस्तोगी
करो तैयारी हिंदुस्तान अब दुश्मन का संघार करो, जो पाँव धरे भारत भूमि पर उसका तुम संघार करो। दिखला दो तुम फिर सौर्यमान वो नभ, जल, थल …
हर इंसान बराबर है - कविता - मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
चीनी हो जापानी हो, रूसी हो ईरानी हो। बाशिंदा हो लंका का, या वो हिंदुस्तानी हो। सब का मान बराबर है, हर इंसान बराबर है।। अनवर हो अरबिंदो…
मधुरिम हो वाणी श्रवण - दोहा छंद - डॉ. राम कुमार झा 'निकुंज'
बोल रश्मि सम भास्कर, माणिक बोल अमोल। सिंह तुल्य हो आत्मबल, साँच मधुर रस घोल।।१।। संजीवक हो वायु सम, वाणी जीवन आप। पोषक परहित अन्न …
अपना भी एक विधायक हो - हास्य कविता - योगेन्द्र शर्मा 'योगी'
इस लोकतंत्र की धुन गाने को चाहे जैसा गायक हो लायक हो नालायक हो अपना भी एक विधायक हो। राजनीत के गलियारे में अपनी हस्ती बना के लुटे बस्त…
बेटियाँ - कविता - आर सी यादव
अंकुरित होते ही कोख में मुस्कुराती है बेटियाँ। माँ के मन के अनुभवों से सुख का एहसास कराती हैं बेटियाँ।। माँ की पीड़ा को समझती सहमती हर…
गलतियाँ - सॉनेट - अज़हर अली इमरोज़
ज़िन्दगी की हिसाब लेनी है ख़ुद फ़कीरी उधार लेता हूँ ग़लतियों को सुधार लेता हूँ एक मुकम्मल किताब लेनी है दुश्मनों का …
उमंगों की राह - कविता - सुनील माहेश्वरी
भोर हुई शुरुआत नयी कर, तिमिर का हुआ अब अंत, जीवन गर जीना है तो, ख़्वाहिशों को अनंत कर। बीते दिन को विस्मृत कर दे, स्वछंद सोच से विहार क…
मुझे मालूम है तेरे यहाँ चरचे नहीं कम हैं - ग़ज़ल - मनजीत भोला
मुझे मालूम है तेरे यहाँ चरचे नहीं कम हैं मगर ये सोचना होगा तुझे ख़तरे नहीं कम हैं। मुबारक हो बुलंदी पर जुड़े रहना ज़मीनों से परिंदे आसमान…
बचकानी बातें - कविता - धीरेन्द्र पांचाल
तेरी ये बचकानी बातें, तेरी वो बचकानी बातें। हर रोज़ जगाया करती मुझको वो शैतानी बातें। तेरी ये बचकानी बातें... हँसना और शर्माना तेरा करत…
जय हो नेता जी सुभाष - गीत - समुन्द्र सिंह पंवार
जय हो नेता जी सुभाष। करते आज तुम्हें हम याद।। तेईस जनवरी का दिन प्यारा, जिस दिन जन्म हुआ तुम्हारा, छाया कटक में उल्लास। करते आज तुम्हे…
गणतंत्र दिवस - दोहा छंद - डॉ. राम कुमार झा 'निकुंज'
गौरव है स्वाधीनता, पा भारत गणतंत्र। त्याग शील पुरुषार्थ पर, न्याय प्रीति सच मंत्र।।१।। किन्तु आज अवसाद मन, देखा देश विरोध। सत…
बढ़ते ही जाएँगे - कविता - कुन्दन पाटिल
दिन रात खूब हम पढ़ाई करते जाएँगे। माता पिता का नाम जगत में चमकाएँगे। गुरूजनों की अंकाक्षा पुरी कर दिखाएँगे। उत्कृष्ठ श्रैणी में अपना स…
ताजमहल मुस्कुराता है - कविता - डॉ. कुमार विनोद
कितनी बार देखा होगा मुमताज़ की आँखों ने सूरज को किरणें उधार देते हुए पूनम के चाँद को। महसूस किया होगा परमार्थ का स्वत्व, प्रणयानुभूति…
वर्षों बीत गए - कविता - आनन्द कुमार 'आनन्दम्'
वर्षों बीत गए तुम्हारी याद में डूबती नैना उमरता हृदय भावुक मन लिये। कहाँ जाऊँ? किसको सुनाऊँ? मन का विरहा मन को सुनाऊँ। चहुँओर अँधेरा फ…
पल्लव गान - कविता - विनय 'विनम्र'
जिनके पल्लव कोमल सुन्दर, वे नाच-नाच कर गान करें, जिनको काँटे बस बिछे हुये, वे रुककर कहीं विहान करें, जिनके अधरों पर अमृत रस, वे विचरण …
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