आनन्द कुमार 'आनन्दम्' - कुशहर, शिवहर (बिहार)
वर्षों बीत गए - कविता - आनन्द कुमार 'आनन्दम्'
शनिवार, जनवरी 23, 2021
वर्षों बीत गए
तुम्हारी याद में
डूबती नैना
उमरता हृदय
भावुक मन लिये।
कहाँ जाऊँ?
किसको सुनाऊँ?
मन का विरहा
मन को सुनाऊँ।
चहुँओर अँधेरा फैल रहा
मन के प्रकाश पुंज में
भाव विभोर हो रहा
मन आँगन के कोने में।
वर्षों बीत गए
तुम्हारी याद में
डूबती नैना
उमरता हृदय
भावुक मन लिये।
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