राष्ट्रभक्त गणतंत्र हमारा - कविता - डॉ. राम कुमार झा 'निकुंज'

सारे   जहां  से  अच्छा  भारत,
उन्मुक्त      लहराए      तिरंगा।
संविधान   पावन       धर्मग्रन्थ
अमर    रहे   गणतंत्र    हमारा।।

भारत   ध्वजा    तिरंगा  प्यारा ,
बढ़े    कीर्ति  सम्मान    हमारा।
है   प्रतीक   नित   कुर्बानी का, 
झंडा    ऊँचा   भारत    न्यारा।
 है  ध्वजा वतन तिरंगा प्यारा... 

शौर्य कीर्ति योद्धा प्रमाण   यह,
शत्रुंजय  शौर्य    चक्र    हमारा।
नीलगगन  निर्मल  अनंत   यह,
हरित भरित पृथिवी जग सारा।
है  ध्वजा वतन तिरंगा प्यारा... 

धीर     वीर    साहस   सहिष्णुता ,
सद्भावन     समरस     नैतिकता।
है     प्रमाण    विज्ञान   विश्व  का,
भारत  है   सोने  की     चिड़िया।
है  ध्वजा वतन तिरंगा प्यारा... 

उन्मुक्त   गगन    लहराए  झंडा,
अमन  सुख  चैन प्रगति प्रीतिदा।
त्रिरंगों    का   ध्वजा      तिरंगा,
दे खुशियाँ    ज़न्नत  का   सारा।
है  ध्वजा वतन तिरंगा प्यारा...

जाति पाँति बिन भेदभाव   का,
बिन छूआ छूत व ऊँच नीच का,
भाषा हजारों जन कंठहार  बन,
भूल  भेद   सब  क्षेत्रवाद   का।
है  ध्वजा वतन तिरंगा प्यारा... 

यायावर पथ   निरत  निरन्तर,
ध्वजवाहक   संवाहक रथ पर,
बाधित दुर्गम कँटिल विषमतर,
संघर्षक पथ प्रतीमान  तिरंगा।
है  ध्वजा वतन तिरंगा प्यारा... 

पार्थ  सार्थ  गांडीव  चक्रधर,
प्रलयंकर    बलधाम  हमारा।
महाकाल  भोले  शिव शंकर,
बन महाशक्ति   शान  हमारा।
है  ध्वजा वतन तिरंगा प्यारा... 

शील  त्याग  गुण  कर्म   समन्वित,
सुख    परहित  मन   सोच  हमारा।
समता ममता  नारी  शक्ति  पूजित,
मुस्कान  खिले जनता  मुख न्यारा।
है  ध्वजा    वतन   तिरंगा   प्यारा... 

महके     खुशबू    लोकतंत्र   का,
चलें    साथ    मिल जनमन सारा,
रहे     एक   निरपेक्ष स्वराज्य यह,
हो    भारत   भाल  तिरंगा  प्यारा। 
है  ध्वजा वतन तिरंगा प्यारा... 

सब      धर्मों    का   मान सरोवर,
सद्भावन       भावुक    समरसता।
महाशक्ति     पौरुष   यश  निर्मल,
चल    संविधान    निर्माण  हमारा।
है  ध्वजा वतन तिरंगा प्यारा... 

सुनीति    प्रीति  नित रीति पथिक,
हो     नीरोग    भारत  जन   सारा।
सदा    मनोरम    प्रकृति   चराचर,
सुष्मित   कुसमित  चमन हमारा।
है  ध्वजा वतन  तिरंगा प्यारा...

विश्वशान्ति    सम्वाहक  अविरत,
प्रतिमानक    यह  विश्व   विजेता
मीत   प्रीत   नवनीत   गीत  जग,
राष्ट्र भक्त       गणतंत्र     हमारा।
है  ध्वजा वतन तिरंगा प्यारा... 

जन गण मन  अधिनायक  भारत,
नहीं      द्रोह      गद्दार     चलेगा।
शत्रु    नाश   संबल  सैनिक बल,
हरित  भरित भू  शस्य  श्यामला।
है  ध्वजा वतन तिरंगा प्यारा... 

नित आन  बान  सम्मान  तिरंगा,
लोकतंत्र   का  सरनाज़  तिरंगा।
प्रगति शान्ति सुख सारी खुशियाँ,
मनभावन  पावन  वतन   तिरंगा।
है  ध्वजा वतन तिरंगा प्यारा... 

शिक्षित  दीक्षित  युवा  देश  यह,
सुदृढ़ समाज नित विज्ञान हमारा।
सकल कला संकुल  संस्कृतियाँ,
नभ    वतन    लहराए    तिरंगा।
है  ध्वजा वतन तिरंगा प्यारा... 

जय जय जय जहँ शत्रुंजय  भारत 
कुँवर    मंगल   सम    वीर  हमारा।
अमर    रहे    आज़ाद   वतन  का,
सबसे     न्यारा      भारत   प्यारा।
है  ध्वजा वतन तिरंगा प्यारा... 

नमन    करें   सादर  विनीत  मन,
बलिदानी     आज़ाद       हमारा।
है     कृतज्ञ  जनता   मानस  नत,
गणतंत्र       लहराए         तिरंगा।
है  ध्वजा वतन तिरंगा प्यारा... 

डॉ. राम कुमार झा 'निकुंज' - नई दिल्ली

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