संदेश
मिहिर! अथ कथा सुनाओ (भाग ३२) - कविता - डॉ. ममता बनर्जी "मंजरी"
(३२) दल गत जोड़-घटाव, प्रांत भर में था जारी। लगा रहे थे दाँव, विविध दल-बल अतिकारी। हार-जीत का स्वाद, समय ने खूब चखाया। अलग राज्य की माँ…
ह्यूमर उर्फ़ हास्य - निबंध - अमृत गौड़ "शिवोहम्"
ह्यूमर; जी हाँ यही वह शब्द है जो सदा से प्रचलन में तो है, मगर जिसके बारे में अभी तक ज्यादा लिखा नहीं गया है। अंग्रेजी में इसे विट, लाफ…
नया साल इंतज़ार में है - कविता - मधुस्मिता सेनापति
स्वागत में भव्य अनुपम उपहार लेकर, नया साल आपका इंतज़ार कर रहा है। अपने नजरों में नयेपन लेकर, वह दिल से सभी का दुआ कर रहा है...!! नई आशा…
जीत की एक आस - कविता - ज़हीर अली सिद्दीक़ी
भूख की तासीर से चाहत बदलनी चाहिए, चाहतों का सिलसिला सपनों में आना चाहिए। नींद से उठकर महज़ प्रयास करना चाहिए, गिर गया तो क्या हुआ हुंका…
अभिनंदन नव वर्ष तुम्हारा - कविता - गणपत लाल उदय
आओ नऐ वर्ष में यह संकल्प करे बीती बातों को नज़र अंदाज़ करे। दिऐ जो जख़्म हमें पुराने साल ने मिलकर खुशियों से उन्हें नष्ट करे।। आपसी मतभे…
तड़पती है वफाई भी - ग़ज़ल - अविनाश ब्यौहार
पशेमाँ है खुदाई भी, भुला बैठे भलाई भी। जमाना हो गया पत्थर, नयन में है रुलाई भी। बयाँ करना जरूरी है, किसी में है बुराई भी। अगर है रात भ…
पी रहा हूँ मधु अभी मैं - कविता - राम प्रसाद आर्य
पी रहा हूँ मधु अभी मैं, कभी मुझको ये पीएगी। पीकेे इसको जी रहा मैं, कभी पी मुझे ये जिएगी।। मानो गर इसको दवा, तो ये दवा है , मानो…
वेदना - कविता - कवि संत कुमार "सारथि"
लब पर प्रेम सुधा संगीत, राही गा आशा के गीत। करो वेदना दिल से दूर, जीवन में बरसेगा नूर। आना जाना जग की रीत, राही गा आशा के गीत। स्वर मध…
मिहिर! अथ कथा सुनाओ (भाग ३१) - कविता - डॉ. ममता बनर्जी "मंजरी"
(३१) मिल-खदान मजदूर, उभय के भाग्य-विधाता। नेता ए. के. राय, वामपंथी जन नेता। सीधे-साधे नेक, भावनाशील भयानक। मजदूरों को एक, किए दिलवाए थ…
पत्रकार और लेखक का महत्व - आलेख - विकाश बैनीवाल
पत्रकार का महत्व है क्षेत्र विशेष की सूचनाओं, समाचारों को प्रदेश के कोने-कोने तक पहुँचाना है और हर क्षेत्र की जानकारी अवगत करवाना है। …
राधा माधव प्रीत - दोहा छंद - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
राधा माधव प्रेरणा, राधा माधव गीत। मुरलीधर राधे प्रिया, आनंदक मधु प्रीत।।१।। अभिनव सुर सुन मुरलिया, राधा कान्हा लीन। मन्द मन्द मुस्…
नूतन वर्ष आया - गीत - रमाकांत सोनी
नव वर्ष तेरा अभिनंदन है, नववर्ष तेरा अभिनंदन है, अभिनंदन है शुभ वंदन है, नववर्ष तेरा अभिनंदन है। जगमग ज्योति ज्ञान प्रकाशित, राष्ट…
कठिन समय - कविता - मास्टर भूताराम जाखल
हो कठिन समय पर हौसला रख ऐ नर, मंज़िल मिलेगी जरुर, तू करेगा श्रम अगर, आसान तो हैं नहीं, यूँ ही सफल होना, मेहनत से होना पड़ेगा तुझे नर तरब…
नव वर्ष लाए खुशियों भरी बहार - कविता - कानाराम पारीक "कल्याण"
नव वर्ष लाए खुशियों भरी बहार, कोरोना मुक्त हो सारा यह संसार। ना कहीं भय का कोई आलम हो, ये दुनिया फिर पकड़ ले नई रफ़्तार। नव वर्ष लाए …
सांसारिक आकर्षण - कविता - प्रवीन "पथिक"
ज़िन्दगी में, बहुत-सी चीजें मिलती हैं ऐसी जो अपने उन्मदित व्यवहार से आकर्षित कर निज-राहों से, सन्यासियों की भाँति मंज़िल की तलाश में दर…
कब है ज़माने को गवारा - कविता - रमेश चंद्र वाजपेयी
तेरा बाकपन तेरा मुस्कराना तुम्हें देखकर मेरा उलझ जाना कब है ज़माने को गंवारा। अब तुम्ही बताओ सजनी कहीं महल प्यार का ढह न जाये आपने जो म…
मिहिर! अथ कथा सुनाओ (भाग ३०) - कविता - डॉ. ममता बनर्जी "मंजरी"
(३०) तनिक धरो तुम धीर, मिहिर हँस कर के बोले। होकर कुछ गंभीर, किरण पट अपना खोले। कई नाम हैं और, अभी लेने को बाकी। फरमाओगी गौर, पूर्ण हो…
सफ़र ज़रूरी है - ग़ज़ल - दिलशेर "दिल"
हमारी राय शुमारी अगर ज़रूरी है हमे भी मुल्क की रखनी खबर ज़रूरी है हरा भरा हो अदब का चमन हमारा तो हमारे घर में सुख़न का शजर ज़रूरी है तबीब …
नया साल आ गया - कविता - मोहम्मद मुमताज़ हसन
लेकर खुशियों का पैग़ाम, नया साल आ गया! बिखरे हैं उल्लास तमाम, नया साल आ गया! मोहब्बत के नग़मे सुनाते चलो, सब को गले भी लगाते चलो! औरों क…
जीवन जल सम बुलबुला - दोहा छंद - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
जीवन जल सम बुलबुला, बस पलभर उत्थान। त्याग शील गुण कर्म यश, बिन परहित अवसान।।१।। कहाँ सन्त निश्छल मना, त्याग शील गुण धाम। मिथ्या छल …
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