नया साल इंतज़ार में है - कविता - मधुस्मिता सेनापति

स्वागत में भव्य अनुपम उपहार लेकर,
नया साल आपका इंतज़ार कर रहा है।
अपने नजरों में नयेपन लेकर,
वह दिल से सभी का
दुआ कर रहा है...!!

नई आशाएँ लेकर,
सभी के मन में
उम्मीदें जगा रही है।
देखो नया साल
आपका इंतज़ार कर रहा है...!!

यह जो साल संघर्ष में बीता है,
फिर भी कोरोना न हमसे जीता है।
आज शुभ संकेत लेकर,
देखो नया साल आपका
इंतज़ार कर रहा है...!!

नए वर्ष में हम सब सोचेंगे
कैसे हमको रहना है।
हिंसा-द्वेष भाव को
हमें हरगिज़ न सहना है।
जागो उठो क्योंकि
नया साल आपका
इंतज़ार कर रहा है...!!

मधुस्मिता सेनापति - भुवनेश्वर (ओडिशा)

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