संदेश
सब एक जैसी नहीं होती - कविता - संजय राजभर 'समित'
एक तरफ़ समर्पण था निष्कलंक, निष्छल असीम प्रेम था पर मेरे दिमाग़ में एक वहम थी एक बस छूटेगी तो दूसरी मिलेगी फिर कली-कली मॅंडराता हुआ बहु…
मुझे देखकर अब उसका शर्माना चला गया - ग़ज़ल - ममता शर्मा 'अंचल'
मुझे देखकर अब उसका शर्माना चला गया, राह देखने वाला आज ज़माना चला गया। जैसे बच्चे जीते बेफ़िक्री में जीवन को, आज बुज़ुर्गों से उनका डर जान…
एक बार प्रिये - गीत - सुशील कुमार
तुझपे तन मन सब वारु मैं बस तुझको अपना मानू मैं जीवन की सारी ख़ुशियाँ कर दूँ तुझपे न्योछार प्रिये तू कह दे बस एक बार प्रिये तुझको मुझसे…
नि:शब्द - कविता - गौरव कुमार
आज वर्षों बाद मैं घर लौटा... माँ और बड़े लोगों से मिलकर अच्छा लगा। ख़ुशी इस बात की भी थी कि दिल की सारी बातें उसे कह पाऊँगा। उसे देखने …
प्रेम के रूप अनेक - सरसी छंद - भगवती प्रसाद मिश्र 'बेधड़क'
लेकर हाथ चाय का प्याला, खड़ी नारि सुकुमारि। खन-खन बाजे चूड़ी कंगन, पद पैजनि झंकारि॥ कमर बाँध स्वर्णिम करधनियाँ, बाजु बंद सरकार। नाक नथु…
आतुर हृदय - कविता - प्रवीन 'पथिक'
फिर एक कसक उठी है; हृदय के किसी कोने से। कब आओगे मुझसे मिलने? आलिंगन में भरने को। शांत पड़ गया था अंधड़, डूब गया ख़ामोशी के साए में। प…
प्रेम - सवैया छंद - सुशील कुमार
प्रेम न होत जो भ्रात को भ्रात से तौ पद त्राण न राज चलाते। प्रेम न होत जो भक्त से ईश को तौ शबरी फल जूठ न खाते॥ प्रेम न होत जो राम को सी…
प्रेम - कविता - रोहित सैनी
प्रेम! धूप है हमारे चेहरे की... सितारों की जग-मगाहट, जिसमें... सब कुछ सुंदर दिखता है शीतल, शांत, मद्धम रौशनी है चाँद की। प्रेम... हमार…
याद आते हो तुम - गीत - सूरज 'उजाला'
याद आते हो तुम, याद आते हो तुम जब कभी आँख से दूर जाते हो तुम व्हाट्सएप पे वो एसएमएस जो देखा सबा कुछ तो लिखते हो और फिर मिटाते हो तुम म…
भाव हमारे - गीत - प्रमोद कुमार
उठे जो मन में तुम्हारी ख़ातिर, सदा पवित्र थे भाव हमारे। ना जाने कैसे सहा था हमने, अक्खड़पन भरे ताव तुम्हारे। जीवन पथ पर है कैसे चलना, क़…
प्रेम कविता - कविता - कार्तिकेय शुक्ल
मैं लिखना चाहता हूँ एक अच्छी प्रेम कविता पर आड़े आ जाता है तुम्हारा प्रेम तुम्हारा प्रेम यानी कि जो सिर्फ़ मेरा और मेरा है जिस पर सिर्…
प्रेम का प्रतिदान कर दो - गीत - सुशील शर्मा
हृदय का तुम मान कर दो प्रेम का प्रतिदान कर दो। प्राण तुम हो, साँस तुम हो टूटे हृदय की आस तुम हो हार के अंतिम क्षणों में जीत का आभास तु…
प्रेम की भाषा - गीत - महेश कुमार हरियाणवी
प्रेम की भाषा बोल रही। 2 नज़रों ने नज़रों में देखा लहरों पे लहरें डोल रही। प्रेम की भाषा बोल रही। 2 ना जाने हम उसका नाम ना जाने घर, ठौर,…
याद तुम्हारी मैं बन पाता - गीत - रमाकान्त चौधरी
याद तुम्हारी मैं बन पाता तो जीवन जीवन होता। मुझे बुलाती ख़्वाबों में तुम अपना मधुर मिलन होता। रोज़ मुझे तुम लिखती पाती, उसमें सब सपने ल…
कोई ख़ुशबू, कोई साया, याद आया रात भर - ग़ज़ल - रोहित सैनी
अरकान: फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन तक़ती: 2122 2122 2122 212 कोई ख़ुशबू, कोई साया, याद आया रात भर, जाने किसकी, याद ने हमको …
जो न समझते पाक मुहब्बत - ग़ज़ल - ममता शर्मा 'अंचल'
जो न समझते पाक मुहब्बत, उन ख़ातिर है ख़ाक मुहब्बत। जिन्हे तजुर्बा नहीं इश्क़ का, उनको रहती ताक मुहब्बत। नफ़ा खोजते हैं जो इसमें, उनकी…
तुम्हारा साथ - कविता - योगेंद्र पांडेय
टूटते बिखरते सपनों को संभालने के लिए ज़रूरी है तुम्हारा साथ। तुम रहोगे साथ मेरे सह लेंगे हर दुख-सुख रो लेंगे एक पल के लिए तुम्हारे कं…
प्यार में कोई दवा क्या है दुआ क्या है - ग़ज़ल - रोहित सैनी
अरकान: फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ा तक़ती: 2122 2122 2122 2 प्यार में कोई दवा क्या है दुआ क्या है, जो हुआ उसमें बुरा क्या है भल…
प्रेम पर पहरा - कविता - डॉ॰ प्रियंका सोनकर
प्रेम पर हज़ार पहरे होने के बाद भी उसने चुना प्रेमी होना पता था उसे जाति के बाहर शादी करने पर सज़ा क्या होगी उसकी देखा था उसने कई पीढ़ि…
हमदर्द बन के कोई, हमें दर्द दे गया - ग़ज़ल - नागेन्द्र नाथ गुप्ता
अरकान: मफ़ऊल फ़ाइलातु मुफ़ाईलु फ़ाइलुन तक़ती: 221 2121 1221 212 हमदर्द बन के कोई, हमें दर्द दे गया, खुख चैन छीन, आह हमें सर्द दे गया…