संदेश
मैं मौन हो गया - कविता - इमरान खान
मैंने उस लड़की से कहा– 'मैं तुम पर एक कविता लिखना चाहता हूँ!' उस लड़की ने मुझसे पूछा– 'तुम्हारे शब्दों में मेरे होंटों की …
इश्क़ का गाँव - कविता - निर्मल श्रीवास्तव
इश्क़ का गाँव बना के हमको भी वहीं बसा दो कितनो को तुमने बनाया मेरे लिए इक ना बनाया मेरे ख़ातिर कोई बता दो थोड़े बाग़ों को लगा के थोड़ा फूलो…
मैं रोग हूँ कि दवा हूँ कि इश्क़ हूँ दुआ हूँ - ग़ज़ल - रोहित सैनी
अरकान: मुफ़ाइलुन फ़यलातुन मुफ़ाइलुन फ़ेलुन तक़ती: 1212 1122 1212 22 मैं रोग हूँ कि दवा हूँ कि इश्क़ हूँ दुआ हूँ मैं कौन हूँ जो भटकता हूँ…
तेरे बाद कुछ भी ना था - ग़ज़ल - चक्रवर्ती आयुष श्रीवास्तव 'जानिब'
अरकान: मुफ़ाइलुन मुफ़ाइलुन मुफ़ाइलुन फ़ेइलुन तक़ती: 2122 2122 2122 212 तेरे बाद कुछ भी ना था, दिल में फिर भी धड़कन रही, हर इक बात में तू…
जा रही हूँ छोड़ उपवन - कविता - श्वेता चौहान 'समेकन'
जा रही हूँ छोड़ उपवन, फिर कभी न आऊँगी। लौटना असंभव मेरा अब, हूँ तिरस्कृत बार-बार। अब न मुझको बाँध सकेंगी, प्रिय! तुम्हारे अश्रुओं कि ज…
काम ऐसा हो कि तकरार न हो - ग़ज़ल - निर्मल श्रीवास्तव
काम ऐसा हो कि तकरार न हो जीत हो ना हो मगर हार न हो ज़िंदगी मायने क्या रखती है ज़िंदगी में मिला जो प्यार न हो हुस्न को हुस्न कहा जाता है …
हम सुनाते दास्ताँ अपनी कि वो सुनाने लगे - ग़ज़ल - सुनील खेड़ीवाल 'सुराज'
अरकान: फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन तकती: 22 22 22 22 22 22 हम सुनाते दास्ताँ अपनी, कि वो सुनाने लगे हम करते आग़ाज़-ए-इश्क़,…
तुम न बदलना - कविता - श्वेता चौहान 'समेकन'
तुम न बदलना, वक्त भले बदलता रहे। इश्क़ का चिराग़ आँधियों में भी जलता रहे। न मिल सको हर रोज़ तो कोई बात नहीं! इतना सा दिख जाओ कि निगाहों क…
आत्मबोध - कविता - प्रवीन 'पथिक'
इस क़दर ज़िंदगी को जिए जा रहा था, कि हर क़दम पर मेरा साथ दोगे। पाथेय बनकर सदा रहोगे मेरे साथ; ऑंचल की छाँव की तरह। लेकिन तुमने तो कुछ दूर…
पता ही नहीं चला - कविता - प्रवीन 'पथिक'
दो दिलों का मिलन, कब साँसों की डोर बन गई? पता ही नहीं चला। जीवन की ख़ुशनुमा शाम, कब सुहावनी रात बन गई? पता ही नहीं चला। उसी शाम तो तुमन…
तेरे चेहरे पर मेरी हरकत रहती है - ग़ज़ल - कर्मवीर 'बुडाना'
अरकान: फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन तक़ती: 22 22 22 22 22 तेरे चेहरे पर मेरी हरकत रहती है यूँ मेरी आँखों में उल्फ़त रहती है धरती की…
हमनवाँ संग तेरे लम्हें ख़ुशगवार बन बैठे - ग़ज़ल - सुनील खेड़ीवाल 'सुराज'
अरकान: फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़े तकती: 22 22 22 22 22 22 2 हमनवाँ संग तेरे, लम्हें ख़ुशगवार बन बैठे दिल तुमसे लगा, ख़…
मझधार - कविता - श्वेता चौहान 'समेकन'
मैं प्रेम की कश्ती हूँ, मेरा जीवन मझधार में है! हे प्रिय! तुम माँझी बनो, हमें चलना उस पार है! प्रेम न ठहरे सागर जैसा, कलकल-छलछल बहता र…
आख़िरी मुलाक़ात - कविता - सुरेन्द्र जिन्सी
इस बार वो गई मगर हर बार की तरह नहीं हर बार चली जाती थी मुझे पीछे छोड़कर मैं देखता रहता था उसे नज़रों से ओझल होने तक एक टूटी उम्मीद लेकर…
प्रिया के लिए - कविता - पवन कुमार मीना 'मारुत'
प्रिय पत्नी पवित्र प्रेम पारावार पाकर, जीवन पहेली प्रियतम पार किया है। परिवार पालन पोषण प्रेरणा पति की, सुख संग जीवनसाथी जीवन जिया है॥…
बात मन की कभी तो बताया करो - ग़ज़ल - डॉ॰ आदेश कुमार पंकज
बात मन की कभी तो बताया करो दर्द दिल में छिपा मत सताया करो हो अकेले कभी मम ज़रूरत पड़े पास अपने हमें तुम बुलाया करो बाग़-बगिया दिशाएँ मनोर…
आकुलता - गीत - सुशील कुमार
सघन गहन सम प्रेम भुवन में अगणित बार जताए तुम आशाओं का मेरा सूरज डुबता देख न पाए तुम अक्षत अक्षत मेरे सपने रंग प्यार का हल्दी में शहनाई…
वह आलिंगन चौबीस साल पुरानी है - कविता - सुरेन्द्र प्रजापति
कुछ गीली और चमकीली यादों में, तुम मेरी स्वप्न सुंदरी, मेरे सुनहले अतीत की नीली किरणें, वह उम्मीद से भरी आँखें, चाहना से भरी मटकती पुतल…
तुम - कविता - बापन दास
तुम चंदन का मानो वृक्ष हो, मैं उससे लिपटा नाग कोई! मैं काँपता तार सितार-सा हूँ, तुम उससे झरती राग कोई! तुम चंचल नैना मृग-सी हो, मैं कल…
मुझे कुछ कहना है - कविता - सुशील शर्मा | एक प्रेम कविता
सुनो तुमसे एक बात कहना है मुझे यह नहीं कहना कि तुम बहुत सुंदर हो और मुझे तुमसे प्यार है। मुझे प्यार का इज़हार भी नहीं करना मुझे कहना है…
साहित्य रचना कोष में पढ़िएँ
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर