संदेश
उम्मीद की टहनी - कविता - सुरेन्द्र प्रजापति
धीरे-धीरे हम बढ़ रहे हैं गंतव्य की ओर लेकिन आशा के विपरीत हमारी उपस्थिति को अनदेखा कर दिया जा रहा है स्वयं को नकारा जाना, जीवन से भटक …
उम्मीद - कविता - विजय कुमार सिन्हा
एक सुंदर भविष्य की आश में मात-पिता बड़े शहर में छोड़ने जाते हैं अपने बच्चों को। लगता है अपनी साँसे हीं छोड़े जा रहे हैं। पर यह विछड…
उम्मीद - कविता - डॉ॰ रोहित श्रीवास्तव 'सृजन'
सफलता यदि छत है तो असफलताएँ उसकी सीढ़ियाँ खोकर तुमने जो पाया है देख उसे, आगे बढ़ेंगी आने वाली पीढ़ियाँ आसमाँ बड़ा है मुश्किलों का पहा…
उम्मीद पर करने लगी संवेदना हस्ताक्षर - नवगीत - अविनाश ब्यौहार
उम्मीद पर करने लगी संवेदना हस्ताक्षर। हैं ख़्वाब आँखों के पखेरू हो गए। विश्वास के पर्वत सुमेरू हो गए।। आशा अँगूठा छाप थी अब हो गई है सा…
बड़ी उम्मीद रख फ़रियाद करते - ग़ज़ल - नागेन्द्र नाथ गुप्ता
अरकान : मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन फ़ऊलुन तक़ती : 1222 1222 122 बड़ी उम्मीद रख फ़रियाद करते, समय अपना यूँ ही बर्बाद करते। तेरे दीदार से होती सु…
उम्मीद अभी बाक़ी है - कविता - प्रभात पांडे
अभी मुझे जीवन में, कुछ करना काम बाक़ी है, अपने आलोचकों को, देना जवाब बाक़ी है। अभी मैं अन्जान हूँ, ज़माने की नज़र में, नाम अपना भी नग़मानिग…
उम्मीद का दिया - कविता - ऋचा तिवारी
तुम्हारे आने की ख़ुशी कुछ यूँ, मेरे चेहरे पर निखर आती है। छुपी हुई लबो की मुस्कुराहट, जाने क्यूँ सबको नज़र आती है। वैसे तो छोटी छोटी बात…
उम्मीद की लौ - कविता - रूचिका राय
इतना भी मुश्किल नही है बात बेबात मुस्कुराना, ग़म के अँधेरों में भी दिल में उम्मीद के लौ जलाना। जब भी टूटने बिखरने का ख़्याल आए तुझे, बस …
टूटती उम्मीदों की उम्मीद - कविता - मंजिरी "निधि"
मन में उत्साह लिए चलें चलो बढ़ते, टूटती उम्मीदों की उम्मीद से पंथ नया गढ़ते। साहस रखना है इस घड़ी बड़ी विपदा आन पड़ी, आफ़त में हैं जान और बा…
उम्मीद की उपज - कविता - गोलेन्द्र पटेल
उठो वत्स! भोर से ही ज़िंदगी का बोझ ढोना किसान होने की पहली शर्त है। धान उगा प्राण उगा मुस्कान उगी पहचान उगी और उग रही उम्मीद की किरण सु…
जीने की इक उम्मीद - ग़ज़ल - प्रदीप श्रीवास्तव
जीने की इक उम्मीद को दिल मे जगा गया। जैसे दवा बीमार को कोई पिला गया। बीते कई अरसे हँसी होंठों पे न आई, जादू था कोई उसमें वो पल में हँस…
कल की आस - कविता - मनोज राय
कल की आस लिये बैठे हैं, अपने पास कुछ ख़ास लिये बैठे हैं, उम्मीदों का दीप जलाए बैठे हैं। कल किसने देखा कल कहीं नही जीवन के कुछ लाभ-हानि …
आशा का दीप - कविता - अन्जनी अग्रवाल "ओजस्वी"
आशा का दीप जलाये रखना। मुस्कुराते हुए जिंदगी में आगे बढ़ना। बिन आशा होता जीवन फीका।। उम्मीद से ही मानव है जीता।। हौसला व उम्मीद को बन…
उम्मीद अभी भी बाँकी है - गीत - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
नित जीवन के नूतन सपने, अरमान सजाना बाँकी है। अभिलाषा नव प्रीति मिलन के, उम्मीद अभी भी बाँकी है। यायावर हम…
उम्मीद में ही ऊर्जा का संचार है - लेख - शेखर कुमार रंजन
आजकल इंसान बहुत बड़े-बड़े सपने देखते हैं किन्तु उस अनुपात में कार्य नहीं करते हैं जिसके कारण सपने सपने ही रह जाते है वह वास्तव में कभ…
उम्मीद - हाइकु कविता - हेमलता शर्मा
सुख दुख पर चाह मे अपने हितसाधना उम्मीद है। जब मौन तम बढ़ती रजनी तब किरणें ही उम्मीद है। कुछ सोच जरा कुछ करने को नया…