संदेश
होली - लोकगीत - अभिषेक मिश्रा
सजनवा आ रे अपने गाँव कि होली आने वाली है, बुलाता है बरगद का छाँव कि होली आने वाली है, आने वाली है कि होली आने वाली है। सजनवा आ... मन्द…
गाँव की होली - कविता - नृपेंद्र शर्मा 'सागर'
बहुत याद आती है वह गाँव की होली, रात को निकलती थी जब यारों की टोली। होली का ईंधन कुछ इस तरह जुटाते थे, जो ज़्यादा सहेज कर रखते थे उन्ही…
रंगों की कहानी - कविता - महेन्द्र 'अटकलपच्चू'
सात रंग की अजब कहानी, बरसों पहले कहती नानी। बैगनी रंग बैर मिटाता, सबको गले मिलाता। जामुनी रंग जीवन भर सबको, एक साथ ले आता। नीला रंग नफ़…
इस बार होली में - कविता - रमाकान्त चौधरी
तुझको रंग लगाने का, तेरे घर तक आने का, तुझको गले लगाने का, जीभर प्यार लुटाने का, बस इतना सा दिल चाहे। नयनों से तीर चलाने का, तुझे घायल…
होली - कविता - पारो शैवलिनी
आज के कबीर और फाग में फाग की मस्ती में धुत्त मेरा फागुनी मन कहीं बहक गया। न जाने ये कब और किधर गया। उड़ी अबीर, उड़ा गुलाल रंग दिए …
कहीं फर्श तो कहीं रंगे मन - कविता - सुषमा दीक्षित शुक्ला
होली की वह मधुमय बेला, बीत गई कुछ छोड़ निशानी। गली मोहल्ले रंग रंग है, रंगा हुआ नाली का पानी। दीवारों पर रंग जमा है, चेहरो पर भी रंग र…
होलिकोत्सव - कविता - विनय "विनम्र"
इस बार भी होली आ गई! मेरे भीतर के मानव ने आज बताया फिर से मुझको, रंग, भंग तरंग से भींगी उल्लास हास परिहास जगी सी काव्य गति में बहती रं…
होली के रंग - कविता - प्रतिभा त्रिपाठी
साथ लेकर उमंगों को, लिए मस्ती की तरंगों को, ले हरे, पीले ये रंगों को, मैं होली हूँ, तेरी होली, आगे बढ़ रही हूँ मैं। भिगोती चल रही हूँ …
होली आई रे - गीत - अजय गुप्ता "अजेय"
होली आई रे आई रे प्यारे झूम ले। भर-भर सतरंगी पिचकारी, हुरियारे झूम ले।। छा गई मौसम में मस्ती, रंगीन अंबीर गुलाल की। फिर से फागुन आया स…
प्रेम रंग होली - कविता - रमाकांत सोनी
आओ रंग गुलाल लगाए, प्रेम रंग में झूमे गाए। फागुन आयो रंग रंगीलो, मस्ती भरा फाग सुनाए।। लो होली का रंग छा गया, मस्ताना मौसम आ गया। भर प…
अबकी होली - कविता - रिंकी कमल रघुवंशी "सुरभि"
अबकी होली ऐसी हो! अबकी होली ऐसी हो! जीवन फागुन सा खिल जाए, हर ऋतु बसंतों जैसी हो। मन सतरंगी रंग रंग जाए, हर हसरत दिल की पूरी हो। बचपन …
होली - जोगीरा लोकगीत - स्मृति चौधरी
आयो है मधुमास, छायो है प्रभास, सुरभीत है उपवन, अली करे रसपान, बजाकर बाँसुरी सी तान, मैं कैसो करूँ बखान, जोगीरा सा रा रा रा.... जोगीरा …
होली - दोहा छंद - श्याम सुन्दर श्रीवास्तव "कोमल"
नैना रतनारे हुए, अधर रसीले लाल। छुईमुई गोरी हुई, हुए गुलाबी गाल।। फागुन में हैं फाग के, रचे अनूठे छंद। भ्रमर कली का पी रहे, मंद-मंद मक…
इमसाल होली - कविता - कर्मवीर सिरोवा
मज़हब भी खाएँ मिठाई त्यौहारों की एक दूसरे के घर, हर-नफ़स हम एक हैं, तू मेरे घर मैं तेरे घर जीमने आऊँगा। मोबाईल ने भाईचारे को डसा हैं, तू…
होली का हुड़दंग - पैरोडी गीत - कवि संत कुमार "सारथि"
(गीतकार समीर की गीत "दूल्हे का सेहरा सुहाना लगता है" की पैरोडी गीत) रंगों का त्योहार सुहाना लगता है। होली का हुड़दंग सुहाना …
श्याम संग होली खेलूँगी - गीत - सरिता श्रीवास्तव "श्री"
राधा ब्रज में आई है, श्याम संग होली खेलूँगी। कृष्ण रंग गुलाल खेलूँगी, प्रेम रंग होली खेलूँगी। प्रीत के रंग में कान्हा को रंग दिया, …
होली आई है - गीत - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
होली आई है आई है होली आई है, सब खुशियों रंगों की थाल सजाई है। शान्ति प्रेम सौहार्द्र आपसी भेंट सजाकर लाई है, अपनापन मानवता का संदेश स…
आई है होली अबीर गुलाल की - कविता - कानाराम पारीक "कल्याण"
फागुन रुत, रसिया संग फाग गाती, निकली मतवाली गौरी गाँव की। प्रेम रंग में रंगी टोली चौपाल की, आई है होली, अबीर गुलाल की। ढोल की थाप पे प…
स्नेह के रंग - कविता - सुनील माहेश्वरी
प्यार के रंगों से, भरो मधुरतम पिचकारी, स्नेह के रंग से रंग दो दुनिया सारी, ये रंग ना जाने, कोई जात-पाँत न बोली, दिल से दिल मिलाकर खे…
होली रंग गुलाल - कविता - विकाश बैनीवाल
गुलाबी गुलाल लगाए, हाथ जो भी लग जाए। गुड़िया के लगा रंग, देखो मुन्ना खूब हर्षाए। प्रफुल्लीत हुए तन-मन, आज दिल बड़ा प्रसन्न। झाँझर चमके…